खेतों में लगी फसलों को ना सिर्फ खराब मौसम और कीटों का खतरा रहता है, बल्कि आवारा पशुओं का डर भी फसलों पर मंडरा रहता है. जिस वजह से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए तारबंदी योजना तैयार की गई थी. इसी कड़ी में राजस्थान सरकार ने किसानों को सुरक्षा देने के लिए एक बड़ा ऐलान किया है. क्या है पूरी खबर आइए जानते हैं. खबरों के मुताबिक, गहलोत सरकार ने आवारा पशुओं से फसलों को बचाने के लिए कांटेदार तार की बाड़ लगाने के लिए एक लाख किसानों को 444.40 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है.
शनिवार को एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सीएम अशोक गहलोत ने कुल 40 मिलियन मीटर कंटीले तारों की बाड़ बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. उन्होंने अनुसूचित जनजाति समुदायों के किसानों की जोतों का आकार छोटा होने के कारण बाड़ लगाने की न्यूनतम सीमा को घटाकर 0.50 हेक्टेयर करने की भी स्वीकृति दी है. इसके बाद तलवारबाजी में सामुदायिक भागीदारी को अब पहले से अधिक अनुदान मिलेगा. वित्तीय वर्ष 2023-24 में फेंसिंग पर करीब 444.40 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
राजस्थान सरकार की "तारबंदी योजना" एक कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य आवारा पशुओं से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए बाड़ लगाने के उपयोग को बढ़ावा देना है. यह योजना राज्य में किसानों को उनकी कृषि भूमि के चारों ओर बाड़ लगाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है.
योजना के तहत, राजस्थान सरकार बाड़ लगाने की लागत का 50% तक की सब्सिडी प्रदान करती है, जिसकी अधिकतम सीमा रुपये है. 25,000 प्रति हेक्टेयर भूमि. किसान बाड़ लगाने के लिए विभिन्न सामग्रियों का उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि कंटीले तार, चेन लिंक आदि.
बाड़ लगाने की योजना योजना का उद्देश्य किसानों को उनकी फसलों की सुरक्षा और उनकी कृषि उत्पादकता में सुधार करने में मदद करना है, जो बदले में राज्य के समग्र आर्थिक विकास में योगदान कर सकता है.
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