
राजस्थान में भी बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने कहर बरपाया है. इससे किसानों की मुश्किलें बढ़ी हैं. इसी कड़ी में रविवार को राजस्थान के चुरू में किसानों ने मुआवजे समेत विभिन्न मांगों को लेकर सड़क पर उतर आए. किसानों ने सड़कों को पूरी तरह से जाम करते हुए टोल नाके पर कब्जा कर लिया. इस दौरान किसानों का चुरू जिले की सड़कों, हाईवे, कच्चे रास्ते और टोल प्लाजा पर किसानों का कब्जा रहा. किसान अपने बीमा क्लेम की मांगो को लेकर सड़को पर खाट चारपाई पिछाकर बैठ गए. इस वजह से पूरा जिले का ट्रांसपोर्ट प्रभावित रहा तो वहीं किसानों की तरफ से सड़क जाम किए जाने की वजह से हरियाणा- दिल्ली से जुड़ने वाली सभी सड़कों पर भी ट्रैफिक बाधित रहा है. क्योंकि इन सड़कों पर किसानों का कब्जा था.
वहीं किसानों की जाम की वजह से दिल्ली-हरियाणा जाने वाले सड़कों के साथ ही तारानगर, चूरु, राजगढ़, रतनगढ़, साहवा, सरदारशहर के सभी रास्ते का ट्रैफिक बाधित रहा. किसानों का ये प्रदर्शन सांकेतिक था.
चुरू जिले के किसान फसल बीमा क्लेम की मांग को लेकर रविवार को सड़कों पर उतरे थे. इस दौरान किसानों ने सभी प्रभावित क्षेत्रों सहित दिल्ली-बीकानेर हाईवे को भी जाम कर दिया. किसान नेताओं ने बताया कि फसल बीमा क्लेम की मांग को लेकर पिछले लंबे समय से जिले के किसान मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक किसानों को मुआवजा नहीं मिला है.
किसान नेताओं ने कहा कि सिर्फ चेताने के लिए किसान सांकेतिक जाम कर केंद्र व राज्य सरकार को जगाने का प्रयास कर रहे हैं. अगर हमारी मांगे नही मानी जाती तो अनिश्चित कालीन चक्का जाम किया जाएगा ओर प्रदर्शन भी उग्र हो सकता है. वहीं किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए हाईवे पर पुलिस के आरएससी व पुलिस जवान तैनात रहे. वहीं पुलिस ने यातायात व्यवस्था सुचारू करने के लिए मार्ग पर जाने वाले वाहनों को डायवर्ट किया. प्रदर्शन व जाम के दौरान दौरान बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे.
इससे पहले फसल बीमा मुआवजे को लेकर नागौर के किसान भी प्रदर्शन कर चुके हैं. गुरुवार को नागौर जिला मुख्यालय पर जिला स्तरीय जनसुनवाई और जन अभाव अभियोग की मासिक बैठक का आयोजन हुआ. इसमें नागौर तहसील के ग्राम पंचायत मकोड़ी, बालासर, पिलनवासी, ढाकोरिया, ढाढिया आदि सभी गांव के ग्रामीण पहुंचे. बैठक में किसानों ने अतिवृष्टि और ओले से फसलोंं को हुए नुकसान की जानकारी दी. साथ ही किसानों ने बताया कि उन्होंने रिलायंस बीमा कंपनी से इंश्योरेंस करवा कर रखा है, जिसका कोई फायदा नहीं मिला है. इस दौरान ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बीमा में गड़बड़ी को लेकर जिला प्रशासन को अवगत करवाया था, लेकिन इस पर कोई सुनवाई नहीं की जाती. बीमा को लेकर नागौर जिला प्रशासन से शिकायत करने के बावजूद सुनवाई नहीं हुई और किसानों को आज तक फसल नुकसान का मुआवजा नहीं मिला.
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