धान की पराली जलाने के चलते वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. इसे रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सख्ती बढ़ाते हुए पराली जलाने वाले किसानों पर मोटा जुर्माना लगाने की तैयारी कर ली है. 2 एकड़ से 5 एकड़ तक के खेतिहर किसानों के लिए जुर्माना राशि भी तय कर दी है. जबकि, दोबारा दोषी पाए जाने पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, पराली से खाद बनाने के लिए यूपी सरकार ने 80 फीसदी तक अनुदान देने की घोषणा की है.
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में इस साल अब तक पराली जलाने के 2600 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. बीते सप्ताह सुप्रीमकोर्ट पराली मामले की सुनवाई में हरियाणा और पंजाब राज्य सरकारों को फटकार लगाई है और मुख्य सचिवों को कारण बताने के लिए तलब भी कर लिया है. पराली जलने से दिल्ली की हवा का स्तर बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया है. राज्यों को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के निर्देशों के अनुपालन का निर्देश दिया गया है.
पराली जलाने के मामलों को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. जबकि, किसानों को पराली या फसल अवशेष जलाने से खेत की मिट्टी, जलवायु और मानव स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने को लेकर जागरूक किया गया है. खेत में पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरता कम हो जाती है और पराली जलाने से खेत के मिट्टी में रहने वाले फसल के लिए लाभदायक सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाते है.
उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग के अनुसार पराली जलाने वाले किसानों पर 15000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. जबकि, कई लाभदायक योजनाओं और रियायत से भी वंचित किया जा सकता है. कृषि विभाग के अनुसार पराली जलाने के दोषी पाए जाने वाले किसानों को आर्थिक जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है. इसके तहत 2 एकड़ से कम क्षेत्र के लिए 2500 रुपये जुर्माना तय किया गया है. जबकि, 2 से 5 एकड़ के लिए 5000 रुपये तक और 5 एकड़ से अधिक के लिए 15000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. दोबारा दोषी पाए जाने पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं.
पराली प्रबंधन के रूप में किसानों को गौशाला में पराली भेजने को कहा गया है, जहां चारे के रूप में उसका इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके लिए किसानों को आर्थिक मदद भी मिलेगी. जबकि, पराली को सड़ाकर खाद बनाने वाले किसानों या लोगों को मशीनरी लागत में 80 फीसदी तक का अनुदान देने की घोषणा की है. इसके तहत कृषि यंत्र जैसे सुपर सीडर, स्ट्रा रीपर, मल्चर, पैडी स्ट्रा चापर आदि मशीनों की खरीद या यूनिट बनाने के लिए अनुदान मिलेगा.
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