खेती में सिंचाई दिक्कतों को दूर करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में सोंडवा सिंचाई प्रोजेक्ट को शुरू किया है. इसके तहत राज्य सरकार उन जिलों में आधुनिक तरीके से सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराएगी जहां पानी की दिक्कत है. इस सिंचाई प्रोजेक्ट के माध्यम से कम पानी में ज्यादा क्षेत्र की सिंचाई जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा. राज्य सरकार ने कुछ जिलों में ही इस योजना को शुरू कर रही है, जिसे बाद में पूरे राज्य में लागू किया जाना है.
मध्य प्रदेश सरकार फसलों की सिंचाई के लिए आधुनिक तरीकों को अपनाने पर जोर दे रही है. ताकि, कम पानी इस्तेमाल कर ज्यादा खेती का क्षेत्र कवर किया जा सके. राज्य सरकार ने इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए 1732 करोड़ की लागत से सोंडवा माइक्रो सिंचाई प्रोजेक्ट शुरू किया है. इसके तहत 70 हजार किसानों को आधुनिक तरीके से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
सोंडवा माइक्रो सिंचाई प्रोजेक्ट के तहत किसानों को स्प्रिंकलर और ड्रिप सिस्टम से सिंचाई से जल सुविधा दी जाएगी. कम पानी में ज्यादा खेतों की सिंचाई का उद्देश्य पूरा करना है. राज्य सरकार के अनुसार अलीराजपुर जिले के 169 गांवों के 55000 हेक्टेयर खेतों को सिंचाई सुविधा दी जाएगी. खेतों में आधुनिक तरीकों से सिंचाई कर पानी की बचत की जाएगी.
राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार सिंचाई सुविधाओं का लगातार विस्तार किया जा रहा है. प्रदेश में वर्तमान में 50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित है. साल 2028-29 तक 1 करोड़ हेक्टेयर करने का टारगेट है. इसके साथ ही राज्य सरकार ने पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी लिंक परियोजना के लिए राज्यों के बीच हुआ समझौता है. इससे 11 जिलों के किसानों और ग्रामीणों को पानी की समस्या से निजात मिलेगा.
किसानों को स्प्रिंकलर और ड्रिप प्रणाली से कम जल में अधिक सिंचाई का मिलेगा लाभ. इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए 24 हजार 290 करोड़ से अधिक मंजूर किए हैं. चितरंगी दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के लिए 1320 करोड़ की मंजूरी दी गई है. इस प्रोजेक्ट से सिंगरौली जिले में 32 हजार 125 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा मिलेगी. जावद-नीमच दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के लिए 4 हजार 197 करोड़ 58 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं.
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