अब दोगुनी होगी किसानों की आय, कृषि सचिव ने बताया तैयार रोडमैप

अब दोगुनी होगी किसानों की आय, कृषि सचिव ने बताया तैयार रोडमैप

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आजतक के कार्यक्रम 'विकसित उत्तर प्रदेश समिट' में यूपी के मुख्य सचिव रविंदर ने किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कुछ बताया?

Advertisement
अब दोगुनी होगी किसानों की आय, कृषि सचिव ने बताया तैयार रोडमैपप्रिंसिपल सेक्रेटरी (कृषि)

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आजतक के कार्यक्रम 'विकसित उत्तर प्रदेश समिट' का मंच सजा है. इस कार्यक्रम के यूपी में किसान और किसानी पर केंद्रित 'जय किसान जय हिंदुस्तान' सेशन में सूबे के प्रिंसिपल सेक्रेटरी (कृषि, कृषि शिक्षा और शोध एवं मार्केटिंग) रविंदर, पशुपालन विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी मुकेश कुमार मेश्राम, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय संयोजक वीएम सिंह और भारतीय खाद्य निगम के पूर्व सीएमडी आलोक सिन्हा ने शिरकत की.

यूपी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी (कृषि) रविंदर ने किसानों की आय दोगुनी करने और विकसित यूपी के लिए रोडमैप के सवाल पर कहा कि किसान जिस तरह का एफर्ट और इन्वेस्टमेंट लगाते हैं, उसके हिसाब से बहुत कम रिटर्न उनको मिल पाता है. उन्होंने कहा कि अभी जो पैटर्न है, वह गेहूं-चावल लगाने का पैटर्न है. किसानों को इस स्टैंडर्ड पैटर्न से अलग ले जाया जाए, ये कोशिश है. प्रमुख कृषि सचिव ने कहा कि कुछ किसान हार्टिकल्चर और पशुपालन में भी काम करने लगे हैं. दाल और तिलहन का एरिया बढ़ाने में भी हम लगे हैं.

उन्होंने दावा किया कि मक्का में रकबा बढ़ा है और उससे लोगों की इनकम बढ़ी है. यूपी का किसान छोटे साइज का किसान है और उसके लिए चुनौती है. हमें नई तकनीकी लाकर किस तरह से जमीन में निवेश का अवसर उपलब्ध कराएं, इस पर काम कर रहे हैं. कृषि सचिव ने कहा कि गन्ने की जो सबसे अच्छी वैरायटी थी, उसमें भी रेडरॉट के इश्यू आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें अब नई वैरायटी खोजनी होगी. हम कहीं यह नहीं कह रहे कि किसानों को लेकर नहीं चलेंगे.

प्रमुख सचिव ने कहा कि विदेशों में मार्केट को लेकर सवाल पर कहा कि बासमती के अलावा आम और अन्य सब्जियां एक्सपोर्ट कर पाने की स्थिति में हम बहुत अच्छे से नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इस पर सरकार अभी काम कर रही है. एक समस्या आती है केमिकल की, इन सभी को चिह्नित कर हमें दूर करना होगा. निश्चित रूप से हमें बड़ी मार्केट मिलेगी. बुंदेलखंड में मूंगफली का उत्पादन अच्छा हो जा रहा है. उस इलाके में दाल के साथ मूंगफली के लिए अच्छा अवसर है. वहां पर हम काफी सफल भी हो रहे हैं.

किसान के बिना कैसे विकसित होगा यूपी- वीएम सिंह

वीएम सिंह ने कहा कि अगर यूपी विकसित होगा, तो देश विकसित होगा. यूपी विकसित कैसे होगा, जब 60 फीसदी किसान मजदूर विकसित नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि किसान 60 से 70 फीसदी हैं और विकसित नहीं हैं. कोई एक किसान बता दें, जो खुशी-खुशी यह कहे कि मेरा बेटा किसानी करता है. वीएम सिंह ने कहा कि यूपी में गेहूं और धान का मिथ है. आज यूपी में सबसे ज्यादा गन्ना लगता है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 2022 चुनाव में कहा कि हमने 47 लाख से अधिक किसानों को गन्ने के बकाए मूल्य का भुगतान करा दिया. यह सही नहीं है. पांच साल से गन्ने का दाम एक रुपया नहीं बढ़ा. वीएम सिंह ने कहा कि किसान का बेटा किसानी के टेक्निक मां के पेट से सीखकर आता है. उसको रेट चाहिए, मार्केटिंग चाहिए. यूपी विकसित कैसे होगा, जब किसान का बेटा किसानी नहीं करना चाहता.

वीएम सिंह ने कहा कि चीनी मिल मालिकों की मिलें बढ़ गईं, लेकिन एक किसान बता दीजिए जिसके पास दो बीघे था और बढ़कर चार बीघे हो गया हो. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि पशुधन हमारे पास बहुत ज्यादा है, रोड पर छुट्टा जानवर दिखता है. रेडरॉट पिछले चार साल से फैल रहे हैं, जो कोयंबटूर ने 12-13 साल पहले निकाली थी. वीएम सिंह ने कहा कि हमारे रिसर्च सेंटर क्या कर रहे हैं. सरकार क्या कर रही है.

उन्होंने कहा कि सरकार के पास ब्लॉक लेवल से लेकर हर लेवल पर लोग हैं. आप करिए ना. वीएम सिंह ने कहा कि आज से 25 साल पहले हाईकोर्ट गया, सुप्रीम कोर्ट गया. मंडियों के ताले खुलवाकर खरीद चालू कराई. अगर डबल इंजन की सरकार ओडिशा और छत्तीसगढ़ में सरकार 2300 की जगह 3100 में खरीद कर रही है, तो आप क्यों नहीं कर सकते. आप भी करिए किसान को बचाने के लिए. उन्होंने कहा कि चारा महंगा हो गया है, किसान नहीं खिला पा रहा है. जहां दो-तीन लीटर पर गाय आती है, किसान उसे छुट्टा छोड़ देता है.

वीएम सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अगर किसानी को टेकऑफ मिलेगा, तो हमें भी बड़ी खुशी होगी. सरकार के पास हम एमएसपी के लिए गए थे. उन्होंने कहा कि किसान को अगर उसका मूल्य नहीं मिलेगा, तो आंकड़ों से किसी का पेट नहीं भरेगा. अगर केसीसी के कार्ड बंद हो जाएं, तो खाना नहीं मिलेगा घर में. वीएम सिंह ने कहा कि मार्जिनल किसान को कैसे फायदा होगा, ये देखना होगा. सीएम किसान नेताओं को बुलाएं और पूछें कि हम क्या कर सकते हैं. हम पूरी मदद करने को तैयार हैं, आप करो तो सही.

दुग्ध उत्पादन में यूपी नंबर वन- मुकेश मेश्राम

मुकेश मेश्राम ने एक सवाल पर कहा कि हमारे यहां लगभग दो करोड़ गाय, सवा तीन करोड़ भैंस की संख्या है. पशुधन की संख्या के मामले में यूपी नंबर वन है. उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन में भी यूपी नंबर वन है. उन्होंने कहा कि रोटी, कपड़ा और मकान की चर्चा करें तो इसमें किसानों के योगदान को समझना चाहिए. अर्बनाइजेशन और मैकेनाइजेशन होने के कारण लोग पशु पालने से कन्नी काट रहे हैं. मेश्राम ने कहा कि विकसित यूपी की परिकल्पना करते हैं, तो नस्ल सुधार जरूरी है. श्वेत क्रांति का दूसरा फेज करने की जरूरत है.

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि दुग्ध उत्पादन से मार्केटिंग तक, लोगों के सामने बहुत से विकल्प हैं. बहुत से डेयरी प्लांट्स एनडीबी को दिया गया है. मुकेश मेश्राम ने कहा कि सारी दुग्ध समितियों को रजिस्टर्ड करने पर फोकस है. सभी जिलों में ये समितियां बनाई जा रही हैं और डेयरी तक लिंकेज करने जा रहे हैं. उन्होंने सूबे में आठ हजार दुग्ध समितियों के होने की जानकारी दी और कहा कि पशुओं के लिए भी गुणवत्तापरक चारा पर हमारा ध्यान है.

मुकेश मेश्राम ने गोशाला से संबंधित सवाल पर कहा कि हमने गोवंश के पशुओं को लाखों की संख्या में संरक्षित किया है. कान्हा गो आश्रम बनाए गए हैं, एनजीओ को लगाया है. प्रतिदिन 50 रुपये पशु के भोजन के लिए धनराशि दी जा रही है. उन्होंने जीवा अमृ से लेकर अन्य उत्पादों की चर्चा की और कहा कि लोग प्रदूषित दुग्ध ना खरीदें. इससे संबंधित आंदोलन शुरू होना चाहिए.

मुकेश मेश्राम ने कहा कि एक्सप्रेसवे हो या कोई संपर्क मार्ग, ट्रांपोर्टेशन अच्छा हो जाता है तो किसानों के लिए अच्छा होता है. पहले फिशरीज के मामले में हम आंध्र प्रदेश और अन्य राज्यों पर ज्यादा निर्भर होते थे, अब हम लोग मछली उत्पादकों को इंसुलेटेड ट्रक उपलब्ध करा रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि मछली उत्पादन पहले से दोगुना हुआ है और हम अब आत्मनिर्भर होने की ओर हैं.

किसान को इंसेंटिव दे सरकार- आलोक सिन्हा

एफसीआई के पूर्व सीएमडी आलोक सिन्हा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि एफसीआई की भी एक लिमिट है. बिचौलिए घटते जा रहे हैं. उन्होंने कृषि में विविधता पर जोर दिया और कहा कि सरकार को चाहिए कि किसान को इंसेंटिव दे और मार्केट बनाए. यूपी बहुत बड़ा स्टेट है. हम जब गांव के बारे में बोलते हैं, तो यह याद रखना चाहिए कि 80-90 फीसदी किसान ऐसे हैं जिनके पास अपनी जमीन नहीं है या सरप्लस नहीं है.

आलोक सिन्हा ने छोटे और सीमांत किसानों को लेकर सवाल पर कहा कि कृषि में विविधता आएगी, तो इनको भी फायदा मिलेगा. आलोक सिन्हा ने बुंदेलखंड को लेकर सवाल पर कहा कि बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी बन गई है. वह देश के मध्य में है. वह हब बन सकता है. उन्होंने कहा कि वहां पानी की थोड़ी समस्या है, लेकिन अगर दाल-तिलहन का उत्पादन बढ़े तो मार्केटिंग आसान होगी.

POST A COMMENT