पराली प्रबंधन आज भी किसानों के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई है. पराली की समस्या से निपटने के लिए सरकार से लेकर कृषि वैज्ञानिक और जागरूक किसान लगे हुए हैं, लेकिन इसकी समस्या का स्थाई समाधान नहीं मिल पा रहा है. हालांकि पराली के निस्तारण करने के लिए अब राज्य के सहकारी बैंक भी सामने आ रहे हैं. किसानों को पराली अवशेष प्रबंधन में राहत मिले इसके लिए सहकारी बैंकों ने फसल अवशेष प्रबंधन के लिए ऋण योजना शुरू की है. इस योजना का लाभ पैक्स (प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां और सीएचसी (कस्टम हायरिंग सेंटर) को मिलेगा.
योजना के तहत इन्हें कृषि उकरणों की खरीद पर इन संस्थानों को 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है. इसके साथ ही ज प्रगतिशील किसान हैं वो बेलर और सुपर सीडर सहित फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कृषि उपकरणों की खरीद पर सब्सिडी दी जाएगी. जो भी किसान या कृषि संस्थाएं इसके तहत लोन लेती हैं उन्हें लोन चुकाने के लिए पांच वर्ष का समय दिया जाएगा. इसे प्रतिवर्ष 10 अर्धवार्षिक किस्तों 30 जून और 31 जनवरी के बीच में चुकाया जाएगा.
ये भी पढ़ेंः फिर से शुरू हो सकती है ‘भारत’ ब्रांड चावल, आटा और दालों की बिक्री, इस बार इतनी होगी कीमत
बता दे कि खेत में पराली जलाने के मामले लगातार चौथे दिन भी सामने आए. पर अच्छी बात यह रही की पराली जलाने के मामलों की संख्या सिर्फ एक अंको तक ही रही. रविवार को सिर्फ तीन मामले सामने आए. पटियाला, एसएएस नगर और फतेहगढ़ साहिब में एक-एक मामला दर्ज किया गया. जबकि पिछले दो सालों की बात करें तो साल 2022 में इस दिन 85 मामले दर्ज किए गए थे और 2023 में इस तारीख को पराली जलाने के 91 मामले सामने आए थे. इस साल की बात करें तो इस साल एक अक्तूबर को राज्य भर से पराली जलाने के 26 मामले सामने आए थे. 2 अक्टूबर को 16, 3 अक्टूबर को आठ, 4 अक्टूबर को नौ और 5 अक्टूबर को पांच मामले सामने आए थे.
ये भी पढ़ेंः गेहूं बुवाई के लिए इन 6 उन्नत किस्मों को इस्तेमाल करें किसान, पूसा से बीज मंगाने के लिए ऐसे करें रजिस्ट्रेशन
द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि इसका उद्देश्य किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए मशीनरी खरीदने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से ऋण उपलब्ध कराना है ताकि धान की पराली को जलाने के कारण होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को रोका जा सके.उन्होंने कहा कि यह योजना चंडीगढ़ में राज्य सहकारी बैंक और जिला सहकारी बैंकों की 802 शाखाओं के माध्यम से शुरू की गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान आसान प्रक्रिया के तहत इस योजना के जरिए लोन का लाभ उठा सकते हैं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today