प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि सरकार का 10,000 किसान उत्पादक संघ (FPO) बनाने का लक्ष्य समय से पहले ही पूरा कर लिया गया है. इतनी संख्या में एफपीओ बनाने की डेडलाइन 31 मार्च 2025 थी. मगर सरकार ने इस लक्ष्य को पहले ही हासिल कर लिया है. बिहार के खगड़िया में बने 10 हजारवें एफपीओ के साथ इस लक्ष्य को पूरा किया गया है. इसकी जानकारी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पीएम किसान सम्मान निधि के कार्यक्रम में दी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को बिहार के भागलपुर में थे जहां उन्होंने पीएम किसान सम्मान निधि की 19वीं किस्त जारी की. इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे. प्रधानमंत्री ने 9.8 करोड़ किसानों के खाते में डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से 22,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा कराई. इसके साथ अब तक दी गई राशि 3.68 लाख करोड़ रुपये हो गई है.
इस मौके पर केंद्र सरकार की योजना में नए बनाए 10 हजार एफपीओ (कृषक उत्पादक संघ) प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किए. वहीं लाखों किसानों और आमजनों की उपस्थिति के बीच बिहार में अनेक विकास कार्यों की शुरुआत भी प्रधानमंत्री मोदी ने की. समारोह को प्रधानमंत्री के साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर, बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडे ने संबोधित किया. बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी, गिरिराज सिंह, राजीव ललन सिंह, चिराग पासवान, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी सहित अन्य मंत्री, सांसद, विधायक मौजूद थे.
समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बजट में बहुत बड़ी पीएम धन धान्य योजना की घोषणा की गई है. इसमें 100 ऐसे जिलों की पहचान की जाएगी, जहां सबसे कम फसल उत्पादन होता है. वहां खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा. बजट में मखाना किसानों के लिए मखाना बोर्ड बनाने का ऐलान किया है. ये बोर्ड मखाना उत्पादन, प्रोसेसिंग, वैल्यू एडिशन, मार्केटिंग ऐसे हर पहलू में किसानों की मदद करेगा. मोदी ने कहा कि बीते वर्षों में सरकार के प्रयासों से भारत का कृषि निर्यात बहुत अधिक बढ़ा है. इससे किसानों को उनकी उपज की ज्यादा कीमत मिलने लगी है.
पीए मोदी ने कहा कि हमने बीते दशक में किसानों की हर समस्या के समाधान के लिए पूरी शक्ति से काम किया है. एनडीए सरकार ना होती तो बिहार सहित देशभर के मेरे किसान भाई-बहनों को पीएम किसान सम्मान निधि ना मिलती. बिहार की भूमि 10 हजारवें एफपीओ के निर्माण की साक्षी बन रही है. मक्का, केला, धान पर काम करने वाला एफपीओ जिला खगड़िया में रजिस्टर हुआ. उन्होंने कहा-सुपरफूड मखाना हो या भागलपुर का सिल्क, हमारा फोकस बिहार के ऐसे स्पेशल प्रोडक्ट्स को दुनियाभर के बाजारों तक पहुंचाने पर है.
किसान सम्मान समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री मोदी का हृदय से स्वागत करते हुए उनके प्रति आभार भी व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री ने छोटे किसानों का दर्द जाना और पीएम किसान सम्मान निधि योजना बनाई. एक ऐसी सौगात, जो पहले कभी नहीं मिली थी. कभी कांग्रेस की सरकार ने किसान के खातों में पैसे नहीं डाले. तब तो खाद-बीज के लिए किसान परेशान होते थे. उनके लिए किसान सम्मान निधि वरदान बन गई है. 2019 में गोरखपुर से किसान सम्मान निधि डालना शुरू की गई थी, आज छठां वर्ष पूरा हुआ है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता बड़ी-बड़ी बातें करते हैं. तब कृषि बजट केवल 21 हजार करोड़ रुपये था, जबकि आज 1.27 लाख करोड़ रुपये है. 1.95 लाख करोड़ रुपये तो प्रधानमंत्री ने खाद सब्सिडी के दिए हैं. यूरिया की बोरी 266 रुपये में आप खरीदते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री उसके लिए 1,478 रुपये भरते हैं. डीएपी की बोरी 3,083 रुपये में आ रही है, लेकिन प्रधानमंत्री उसे 1,350 रुपये में देते हैं. शिवराज सिंह ने कहा कि एमएसपी पर खरीदी कभी यूपीए ने नहीं की. बीते 10 साल में 20 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की फसल खरीदी प्रधानमंत्री मोदी ने की है.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, इस बजट में प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना प्रधानमंत्री मोदी ने बनाई है. 100 जिलों में विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी. उन्होंने कहा कि दलहन का किसान भाई उत्पादन करें, पूरी मसूर, उड़द और अरहर सरकार खरीदेगी.
प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में विकास कार्यों का शुभारंभ भी किया. बरौनी में बरौनी डेयरी द्वारा 113.27 करोड़ रुपये के निवेश से विकसित अत्याधुनिक डेयरी उत्पाद संयंत्र की शुरूआत हुई, जिसकी दूध प्रसंस्करण क्षमता लगभग 2 लाख लीटर होगी. राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत मोतिहारी में 33.80 करोड़ रुपये के निवेश से क्षेत्रीय उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) का उद्घाटन किया गया, ताकि मवेशी प्रजनन और डेयरी उत्पादकता को बढ़ाया जा सके.
प्रधानमंत्री ने क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने और सुगम परिवहन सुविधा देने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया, जिनमें वारिसलीगंज-नवादा-तिलैया रेल खंड का दोहरीकरण शामिल हैं, जिसे 526 करोड़ रुपये के निवेश से बनाया गया है. यह 36.45 किलोमीटर की दूरी को कवर करता है. 47 करोड़ रुपये लागत से निर्मित इस्माइलपुर-रफीगंज सड़क ऊपरी पुल का उद्घाटन भी किया गया.
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