UP: दूध उत्पादन में रोल मॉडल बनी देवरिया की रेनू, पढ़िए ‘लखपति दीदी’ बनने का सफर

UP: दूध उत्पादन में रोल मॉडल बनी देवरिया की रेनू, पढ़िए ‘लखपति दीदी’ बनने का सफर

Milk Production Story: संस्था की बैठकों में जब रेनू ने सुना कि दूध की गुणवत्ता के लिए उचित मूल्य, व्यवस्थित संग्रह और सीधा बैंक भुगतान मिलेगा, तो उन्हें आत्मनिर्भरता का नया रास्ता दिखाई दिया. रेनू बताती हैं कि मैंने सोचा, यह मेरे लिए सम्मानजनक आजीविका और बचत का जरिया हो सकता है.

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UP: दूध उत्पादन में रोल मॉडल बनी देवरिया की रेनू, पढ़िए ‘लखपति दीदी’ बनने का सफरदेवरिया जिले के ग्राम धर्मपुर, ब्लॉक रुद्रपुर की महिला किसान रेनू

परिस्थितियां चाहे कितनी भी विपरीत हों, कठिन परिश्रम व सच्ची लगन व्यक्ति को उसके लक्ष्य तक पहुंचा ही देती है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में देवरिया जिले के ग्राम धर्मपुर, ब्लॉक रुद्रपुर की महिला किसान रेनू की कहानी कुछ और ही बयां करती है. एक साधारण गृहिणी से ‘लखपति दीदी’ बनने तक का उनका सफर उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर संस्था (MPP) के सहयोग से संभव हुआ. आज रेनू न केवल अपनी आर्थिक स्वतंत्रता हासिल कर रही हैं, बल्कि अपने गांव की 69 महिलाओं को प्रेरित कर रही हैं, जो मिशन शक्ति के तहत महिला सशक्तीकरण की नई कहानी लिख रही हैं.

सबसे पहले चमेली स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं

दरअसल, रेनू देवी का सफर तब शुरू हुआ जब वे चमेली स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं, जहां उन्हें सामूहिकता और बचत का पहला सबक मिला. हालांकि, समूह से होने वाली आय परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं थी. इस बीच, श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर संस्था के दूध संकलन केंद्र (MPP) की स्थापना हुई. 

आजीविका और बचत का बना जरिया

संस्था की बैठकों में जब रेनू ने सुना कि दूध की गुणवत्ता के लिए उचित मूल्य, व्यवस्थित संग्रह और सीधा बैंक भुगतान मिलेगा, तो उन्हें आत्मनिर्भरता का नया रास्ता दिखाई दिया. रेनू बताती हैं कि मैंने सोचा, यह मेरे लिए सम्मानजनक आजीविका और बचत का जरिया हो सकता है.

प्रतिदिन 25 लीटर दूध उत्पादन

उन्होंने बताया कि संस्था से जुड़ने से पहले मेरे पास सिर्फ 2 गाय थीं, जिनसे 4 लीटर दूध प्रतिदिन मिलता था, जो घरेलू उपयोग में चला जाता था. 7 दिसंबर 2023 को संस्था की सदस्य बनने के बाद उन्हें गुणवत्ता प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग मिला. इस सहायता से प्रेरित होकर उन्होंने 3 और गायें खरीदीं और अब उनके पास 5 गायें हैं, जिनसे प्रतिदिन 25 लीटर दूध उत्पादन होता है.

सालाना 4.50 लाख रुपये से अधिक का बिजनेस

यह दूध वे दूध संकलन केंद्र (MPP) पर जमा करती हैं. उनकी मेहनत रंग लाई और अब तक उन्होंने 4.50 लाख रुपये से अधिक का सालाना व्यवसाय कर रही हैं. औसत मासिक आय 44 हजार रुपये से अधिक है. यह राशि सीधे उनके बैंक खाते में आती है, जिससे वे नियमित बचत कर रही हैं.

समय पर भुगतान ने मुझे दिया आत्मविश्वास

रेनू कहती हैं कि योगी सरकार की योजनाओं ने उनकी जिंदगी को नई दिशा दी. वे अपने तीन बच्चों को बेहतर स्कूलों में पढ़ा रही हैं और परिवार के अन्य सदस्यों की आर्थिक मदद कर रही हैं. उन्होंने कहा कि संस्था का सहयोग और समय पर भुगतान ने मुझे आत्मविश्वास दिया. अब मैं सिर्फ अपनी नहीं, अपने गांव की महिलाओं की प्रेरणा बनना चाहती हूं. उनकी प्रेरणा से अब तक 69 महिलाएं संस्था से जुड़ चुकी हैं, जो उनके मार्गदर्शन में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं.

रेनू जैसी हजारों महिलाओं की जिंदगी बदली

रेनू जैसी हजारों महिलाओं की जिंदगी आज पूरी तरह से बदल गई है. आज वे ‘आत्मनिर्भर भारत’ के चेहरे के रूप में उभरी हैं, जो न केवल खुद को, बल्कि पूरे समाज को सशक्त कर रही हैं. रेनू की मेहनत और सरकार के सहयोग ने उन्हें लखपति दीदी बना दिया, जो अब गांव की अन्य महिलाओं के लिए रोल मॉडल हैं.

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