प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार मे कई राज्यों में फसल बीमा योजना के लिए आवेदन की अंतिम तिथि को बढ़ा दिया है. दरअसल, भारत सरकार की ओर से किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए ये योजना चलाई जा रही है. इस योजना के तहत किसानों को अपनी फसलों का बीमा करवाने पर सरकार की ओर से फसल का मुआवजा दिया जाता है. इसमें निजी और सरकारी बीमा कंपनियां फसलों का बीमा करती हैं और क्लेम का भुगतान करती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि किस राज्य में 31 अगस्त तक होगा खरीफ फसलों का बीमा.
वर्तमान समय में खरीफ फसलों की बुवाई हो चुकी है. ऐसे में किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने पीएम फसल बीमा योजना के तहत फसलों का बीमा कराने के लिए आवेदन की तिथि को बढ़ा दिया है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के आधिकारिक पोर्टल के अनुसार मणिपुर के किसान अब 31 अगस्त तक अपने खरीफ फसलों की बीमा कर सकते हैं. इसमें मणिपुर के किसान चाय के साथ ही अन्य फसलों की बीमा करवा सकते हैं.
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खरीफ फसलों की बीमा के लिए कई राज्यों में किसानों को जागरूक किया जा रहा है. ताकि किसानों को कम हानि हो. इसके लिए सरकार की ओर से कुछ जगहों पर मोबाइल वैन चलाई जा रही हैं. इन वैन को कृषि और कल्याण विभाग की तरफ से ऑपरेट किया जा रहा है. अधिकारियों के मुताबिक फसल बीमा को सरकार की तरफ से इसलिए लागू किया गया है ताकि किसान बिना किसी खतरे के अपनी खेती का काम कर सकें.
बैंक शाखा से- अगर किसान पीएम फसल बीमा योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो उनसे अपील की गई है कि केसीसी कार्ड धारक अपनी नजदीकी बैंक शाखा में जाएं और पीएम फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करें.
ऑनलाइन वेबसाइट से- पीएम फसल बीमा योजना के लिए इच्छुक किसान ऑफिशियल वेबसाइट https://pmfby.gov.in/ पर जाकर खुद भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं.
हेल्पलाइन नंबर से- किसानों को योजना का लाभ देने के लिए हेल्पलाइन नंबर 14447 जारी किया गया है, जिस पर कॉल करके रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है. या इससे जुड़ी सभी जानकारी भी ली जा सकती है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) से देश के किसानों को काफी राहत मिलती है. इस योजना के जरिए किसानों को उनकी फसलों के हुए नुकसान के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है. इससे किसान नुकसान से बच जाते हैं. योजना के तहत कई बीमा कंपनियां हैं जो राज्य सरकार के साथ मिलकर किसानों को फसलों का बीमा करती हैं. इसके लिए प्रीमियम का एक हिस्सा किसान द्वारा भुगतान किया जाता है और बाकी का भुगतान सरकार की तरफ से किया जाता है. जिससे किसानों पर आर्थिक बोझ नहीं बढ़ता है.
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