सूरत के वेसू में शहर का पहला 'किसान बाजार' शुरू हुआ है. यहां पर खासतौर से जैविक उत्पादों की बिक्री की जाएगी. यह बाजार सूरत नगर निगम और सूरत जिला पंचायत ने संयुक्त रूप से विकसित किया है और एसडी जैन कॉलेज के पास स्थित है. बाजार में किसान सीधे उपभोक्ताओं को अपनी उपज बेचेंगे. यह बाजार बुधवार और रविवार को सुबह 8 बजे से 11 बजे तक खुला रहेगा. बाजार में 70 किसानों के लिए जगह है जो प्राकृतिक खेती कर रहे हैं.
इस मार्केट की उद्घाटन राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने किया. इस मौके पर उन्होंने कहा, "राज्य सरकार पिछले कुछ सालों से सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार, मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने और पर्यावरण की रक्षा के लिए काम कर रही है. प्राकृतिक खेती ही एकमात्र समाधान है." उन्होंने यह भी कहा कि खेती में केमिकल फर्टिलाइजर और पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल करने से हमारा खाना भी अब शुद्ध नहीं है. कहीं न कहीं इस कारण बच्चों में भी कैंसर, मधुमेह और दिल से संबंधित बीमारियां बढ़ रही हैं.
राज्यपाल ने सूरतवासियों से अपील की कि वे बड़ी संख्या में बाजार में जाकर प्राकृतिक खेती से बने उत्पाद खरीदें. उन्होंने कहा कि अगर लोग अस्पताल के बिलों के बजाय प्राकृतिक खेती से बने उत्पाद खरीदने पर पैसा खर्च करेंगे तो वे स्वस्थ और रोगमुक्त रहेंगे. उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में प्राकृतिक खेती मिशन को राष्ट्रीय मिशन घोषित किया है और देशभर में इसे बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बजट में 1,481 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. पिछले कुछ समय में, नियमित अंतराल पर जैविक उत्पादों के लिए विभिन्न प्रदर्शनी मेले और अस्थायी बाजार आयोजित किए गए हैं. नागरिकों की रुचि को ध्यान में रखते हुए, जागरूकता बढ़ाने के लिए एक स्थायी सुविधा विकसित की गई है.
हालांकि, सूरत पहला शहर नहीं है जहां इस तरह की पहल की जा रही है. दूसरे राज्यों में भी कई इलाकों में इस तरह के ऑर्गनिक फार्मर मार्केट तैयार किए गए हैं. चंडीगढ़, इंदौर जैसे शहरों का नाम इस लिस्ट में शामिल होगा. अगर आप चाहें तो किसानों से सीधा संपर्क करके अपने घर के लिए ऑर्गनिक फल-सब्जियां और अनाज आदि मंगवा सकते हैं. इससे किसानों को उनकी मेहनत की कीमत सीधी मिलेगी.
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