शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के बीच पंजाब को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पंजाब में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम किसान) के लाभार्थियों की संख्या में 45 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है. खास बात यह है कि दूसरे राज्यों के मुकाबले पंजाब में सबसे तेज गिरावट दर्ज की गई है. ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ गई है. कहा जा रहा है कि पंजाब में पीएम किसान के लाभार्थियों की संख्या 10 लाख से भी कम हो गई है.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या 2022-23 में 17.07 लाख से घटकर 2023-24 में 9.33 लाख हो गई है, जो 45.3 प्रतिशत की गिरावट है. यह डेटा संसद के हाल ही में समाप्त हुए सत्र के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा द्वारा साझा किया गया था. वहीं, लाभार्थियों की संख्या में तेजी से गिरावट आने पर किसान नेताओं ने नाराजगी जताई. पंजाब के सबसे बड़े किसान संघों में से एक, बीकेयू डकौंडा के महासचिव जगमोहन सिंह पटियाला ने कहा कि केंद्र और पंजाब के बीच तनावपूर्ण स्थिति "किसानों के खिलाफ भेदभाव" का कारण है. उन्होंने कहा कि केंद्र को वित्तीय सहायता प्रदान करने की कोई इच्छा नहीं है.
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उन्होंने कहा कि जिस तरह केंद्र ने राज्य को ग्रामीण विकास निधि रोक दी है, वह पंजाब के किसानों को वित्तीय सहायता देने को तैयार नहीं है. भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने कहा कि किसी भी उत्पाद की बिक्री पर लागत की प्राप्ति, इनपुट पर खर्च किए गए पैसे को ध्यान में रखे बिना, किसानों की आय के रूप में नहीं मानी जाती है. इसका अंदाजा पंजाब मंडी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड किए गए जे-फॉर्म से ही लगाया जा सकता है.
कीर्ति किसान यूनियन के राजिंदर सिंह दीपसिंहवाला ने कहा कि पंजाब के किसानों को 2020-21 में कृषि आंदोलन का नेतृत्व करने की कीमत चुकाने के लिए मजबूर किया जा रहा है. केंद्र को अपने कॉर्पोरेट-अनुकूल कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. यही कारण है कि पंजाब में इतनी बड़ी संख्या में केंद्रीय योजना के लाभार्थियों की संख्या कम हो रही है.
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पीएम किसान एक केंद्रीय क्षेत्र की स्कीम है. इस योजना की शुरुआत सीमांत और कम जोत वाले किसानों की मदद करने के लिए की गई है. इस योजना के तहत केंद्र सरकार किसानों को साल में 6000 रुपये देती है. ये रुपये 2000 की तीन समान किस्तों में कर के सीधे किसानों के खातों में जारी किए जाते हैं. अभी तक केंद्र सरकार 15 किस्त जारी कर चुकी है. अब सरकार 28 फरवरी को 16वीं किस्त जारी करेगी. पिछले साल 15 नवंबर को पीएम मोदी ने 15वीं किस्ज जारी की थी. तब उन्होंने 18 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि 15वीं किस्त के लिए जारी की थी.
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