Eastern Rajasthan Canal Project: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राजस्थान की आधी आबादी के सपने को पूरा करने के लिए जयपुर में हैं. उन्होंने आज राजस्थान की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना की आधारशिला रखी है. पश्चिम राजस्थान के लिए इंदिरा गांधी नहर परियोजना के बाद पूर्वी राजस्थान के लिए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) की मांग लंबे समय से हो रही थी. इसका सपना सबसे पहले वसुंधरा राजे ने राजस्थान को दिखाय था, जब राजस्थान की तीन नदियों पार्वती, कालीसिंध और चंबल को जोड़ने की योजना बनाई थी. बाद में अशोक गहलोत ने इसे ERCP यानी इस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट का नाम दिया. मगर वो इसे राष्ट्रीय योजना घोषित कर केंद्र के पैसे से बनवाना चाह रहे थे.
राजस्थान और मध्यप्रदेश में बीजेपी की जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर इसे केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने दोनों राज्यों को मिलाकर बनाने इसे बनाने के एमओयू किया था. अब इस प्रोजेक्ट का नाम ERCP-PKC प्रोजेक्ट हो गया है जो राजस्थान के 21 जिलों के लिए लाइफ लाइन बनने जा रहा है. 17 साल बाद पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (Eastern Rajasthan Canal Project) की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जयपुर के ददिया में की है.
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इससे राजस्थान के 25 लाख किसान परिवारों के 2.80 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई का पानी मिलेगा और राज्य की साढ़े सात करोड़ आबादी में से करीब 3.41 करोड़ आबादी तक पानी पहुंचेगा. इसमें कई जगह नहर तो कई जगह पाइपलाइन से पानी सप्लाई होगा. इसमें फिलहाल एक लाख करोड़ की इस परियोजना में 70 फीसदी पैसा केंद्र वहन कर रहा है. लेकिन माना जा रहा है कि इसकी सीमा 80 फीसदी तक बढ़ाने की घोषणा हो सकती है.
झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, गंगापुर सिटी, करौली, धौलपुर, भरतपुर, डीग, दौसा, अलवर, खैरथल-तिजारा, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, कोटपूतली-बहरोड़, अजमेर, ब्यावर, केकड़ी, टोंक दूदू को मिलेगा पानी.
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