दालों के बढ़ते आयात ने केंद्र सरकार की चिंता बढ़ा दी है. देश को एक साल में ही 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक की दालें आयात करनी पड़ी हैं. ऐसे में अब केंद्र ने दालों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने की योजना पर काम करने का ऐलान किया है. यह लक्ष्य किसानों को फायदा ही दिलाकर पूरा हो सकता है. उनकी उपज की अच्छी कीमत दिलाकर हासिल किया जा सकता है. इसी कड़ी में केंद्र ने खरीद वर्ष 2024-25 में राज्य के उत्पादन के 100 फीसदी के बराबर मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत तुअर, उड़द और मसूर की खरीद की अनुमति दी है. इसका मतलब यह है जितना उत्पादन होगा वह सब एमएसपी पर खरीदा जाएगा. पहले ऐसा नहीं था. पहले दलहन के मामले में राज्य के उत्पादन का सिर्फ 40 फीसदी ही एमएसपी पर खरीदा जाता था.
यह बदलाव प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) से संभव हुआ है, जिसका पीएसएस एक हिस्सा है. केंद्र सरकार ने इस योजना को 15वें वित्त आयोग चक्र के दौरान 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने दावा किया है कि पीएम-आशा योजना फसल खरीद कार्यों को अधिक प्रभावी बनाने के लिए संचालित की जा रही है. यह न केवल किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाने में मदद करेगी बल्कि उपभोक्ताओं के लिए सस्ती कीमतों पर उनकी उपलब्धता भी सुनिश्चित करेगी. इससे आवश्यक वस्तुओं की कीमत में अस्थिरता को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी. यानी यह योजना किसान और कंज्यूमर दोनों के लिए बनाई गई है.
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केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने बताया है कि दलहन फसलों की एमएसपी पर खरीद NAFED और NCCF के माध्यम से की जाएगी. किसानों को इसके लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. सरकार ने बजट 2025 में यह भी घोषणा की है कि देश में दालों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए राज्य के उत्पादन के 100 फीसदी तक तुअर (अरहर), उड़द और मसूर की खरीद केंद्रीय नोडल एजेंसियों के माध्यम से अगले चार वर्षों तक जारी रखी जाएगी.
इसी के साथ ही केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खरीफ 2024-25 सीजन के लिए मूल्य समर्थन योजना के तहत आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में तुअर (अरहर) की 13.22 लाख मीट्रिक टन की खरीद को मंजूरी दे दी है.
आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में खरीद पहले ही शुरू हो चुकी है और 15 फरवरी तक इन राज्यों में कुल 0.15 लाख मीट्रिक टन तुअर (अरहर) की खरीद की गई है, जिससे इन राज्यों के 12,006 किसानों को लाभ हुआ है. अन्य राज्यों में भी तुअर की खरीद जल्द ही शुरू होगी.
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