छुट्टा गौवंश को सुरक्षित आश्रय स्थल देने के लिए मध्य प्रदेश सरकार तेज गति से काम कर रही है. राज्य सरकार ने कहा है कि गौवंशो के रहने के लिए आश्रय स्थल बनाए जा रहे हैं और अब इनकी संख्या बढ़ाकर 10 हजार की जाएगी. कहा गया है कि छुट्टा गौवंश के चारा और देखभाल की जिम्मेदारी राज्य सरकार निभाएगी. वर्तमान में हर गौशाला को प्रति गौवंश के चारा आदि की व्यवस्था के लिए 40 रुपये प्रतिदिन दिए जा रहे हैं.
मध्य प्रदेश के जबलपुर के ग्राम उमरिया में 53 एकड़ में गौशाला परियोजना शुरू की गई है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि संतो की नगरी जबालीपुरम धन्य हुई है. यह आनंद का धाम बना है. जिले में अत्याधुनिक गौ-शाला बनाये जाने की नींव रखी गई है. उन्होंने कहा कि गौ-संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है. राज्य सरकार की नीति अनुसार कहीं भी गौ-माता को लावारिस-निराश्रित नहीं रहने दिया जायेगा.
राज्य के बड़े महानगरों की तरह अन्य बड़ी नगर निगम और नगर पालिकाओं में गौ-शालाओं का निर्माण कर इनकी संख्या को 10 हजार तक पहुंचाया जाएगा. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जबलपुर के विकास के लिए 187.43 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्य शुरू किए गए हैं. उन्होंने कहा कि शासकीय स्तर पर गौ-शालाएं खुलेगी, जिनमें अधिक आयु की निराश्रित, अशक्त गौ-वंशों की देखभाल की जिम्मेदारी सरकार की होगी. इससे सड़क पर विचरण करने वाले लावारिस एवं निराश्रित गौ-वंशों को आश्रय मिलेगा.
उन्होंने कहा कि प्रदेश की गौ-शालाओं के प्रत्येक गौ-वंश के लिए चारा आदि की व्यवस्था के लिए 40 रुपये प्रतिदिन दिये जा रहे हैं. साथ ही साथ घर-घर तक गौ पालन को प्रोत्साहित करने के लिए 10 से अधिक गौ-वंश पालने वाले व्यक्ति को शासन की ओर से अनुदान दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि राज्य में सिंचाई की सुविधा और पेयजल की व्यवस्था के लिए नदियों को जोड़ने के प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं, ताकि प्रदेश में सिंचाई का रकबा 1 करोड़ हेक्टेयर तक बढ़ाया जा सके.
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