इस राज्य में B.Sc एग्रीकल्चर के छात्रों को मिट्टी जांच केंद्र में मिलेगी नौकरी, सरकार देगी मोटी सैलरी

इस राज्य में B.Sc एग्रीकल्चर के छात्रों को मिट्टी जांच केंद्र में मिलेगी नौकरी, सरकार देगी मोटी सैलरी

प्रदेश के किसानों को भी इन लैबों नें फ्री मिट्टी परीक्षण कराने की सुविधा मिलेगी. सरकार ने एग्रीकल्चर की पढ़ाई करने वाले युवाओं और एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर सेक्टर में काम करने वाले युवा उद्यमी को ध्यान में रखकर यह पॉलिसी बनाई गई है.

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इस राज्य में B.Sc एग्रीकल्चर के छात्रों को मिट्टी जांच केंद्र में मिलेगी नौकरी, सरकार देगी मोटी सैलरीमिट्टी जांच केंद्र में मिलेगी नौकरी

मध्य प्रदेश के बीएससी एग्रीकल्चर के छात्रों के लिए खुशखबरी है. दरअसल, मध्य प्रदेश में ब्लॉक स्तर पर मौजूद मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला (सॉइल टेस्टिंग लैब) छात्रों द्वारा संचालित की जाएगी. अब कृषि और उद्यानिकी की पढ़ाई करने वाले छात्र मिट्टी परीक्षण लैब को चलाएंगे. सरकार ने एग्रीकल्चर से पढ़ाई करने वाले बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए लैब की जिम्मेदारी छात्रों को सौंपने की तैयारी कर ली है. इतना ही नहीं सरकार इन छात्रों को प्रति लैब 1.25 लाख रुपये महीने की आय वाली गारंटी भी दे रही है.

साल में 4500 सैंपल की होगी जांच

वहीं प्रदेश के किसानों को भी इन लैबों नें फ्री मिट्टी परीक्षण कराने की सुविधा मिलेगी. सरकार ने एग्रीकल्चर की पढ़ाई करने वाले युवाओं और एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर सेक्टर में काम करने वाले युवा उद्यमी को ध्यान में रखकर यह पॉलिसी बनाई गई है. बता दें कि एक लैब पर तीन युवा तैनात किए जाएंगे. एक लैब को एक साल में करीब 4500 सैंपल देने का लक्ष्य रखा गया है. बदले में प्रति सैंपल 300 रुपये दिए जाएंगे. यानी पूरे साल में करीब 13.50 लाख रुपये एक लैब पर सरकार खर्च करेगी.

वहीं, सरकार प्रदेश के सभी 265 लैब पर लगभग 38 करोड़ रुपये एक साल में खर्च करेगी. यदि इससे कम सैंपल आएंगे तो भी सरकार 4500 सैंपल का पैसा युवाओं को भुगतान करेगी. यदि इससे अधिक सैंपल आते हैं तो वह कमाई युवाओं को अलग से होगी.

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1000 युवाओं को मिलेगा रोजगार

प्रत्येक लैब पर कम से कम तीन युवाओं को नियुक्त किया जाएगा. ऐसे में ब्लॉक स्तर की 265 और जिला स्तर की 55 लैब को मिलाकर करीब एक हजार युवाओं को सीधे रोजगार मिलेगा. यदि 1.25 लाख रुपये भी एक लैब पर दिया जाता है तो एक युवा को लगभग 25 हजार रुपए महीने की बचत होगी. इनके अलावा फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में काम करने वाली संस्थाएं, कृषक उत्पादक समूह, कृषक उत्पादक कंपनी को भी कुछ लैब पर मिट्टी परीक्षण का काम दिया जाएगा.

15 लाख सैंपल का होगा परीक्षण

मध्य प्रदेश में अभी हर साल करीब 12 लाख सैंपल परीक्षण के लिए आते हैं. सरकार के कृषि और उद्यानिकी विभाग मिलकर किसानों को प्रोत्साहित करेंगे कि वह बिना मिट्टी परीक्षण किए फसल नहीं लगाए. दोनों ही विभागों ने मिलकर करीब 15 लाख सैंपल का लक्ष्य तय किया है. इससे न केवल युवाओं की आय बढ़ेगी, बल्कि किसानों को भी अधिक फायदा मिलेगा. योजना में यह भी शामिल किया गया है कि जो युवा लैब पर काम करने के साथ किसानों को सैंपलिंग के लिए प्रोत्साहित करेंगे, उन्हें पुरस्कृत भी किया जाएगा. अभी-सभी जिलों में कृषि उप संचालक को ऐसे युवाओं का चयन करने की जिम्मेदारी दी जाने वाली है.

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