किसान विकास पत्र योजना अगर आप अपनी मेहनत की कमाई को किसी ऐसे सुरक्षित निवेश में लगाना चाहते हैं, जहां न शेयर बाजार का जोखिम हो, न नुकसान का डर! तो किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra- KVP) योजना आपके लिए बेहतरीन योजना साबित हो सकती है. बस इसमें एक बार पैसा लगाइए और करीब 9 साल 7 महीने में आपकी रकम दोगुनी हो जाएगी. यही वजह है कि यह स्कीम छोटे निवेशकों के बीच यह योजना काफी लोकप्रिय है और पैसा डबल करने की गारंटी के तौर पर देखी जाती है.
किसान विकास पत्र एक सरकारी बचत योजना है, जिसे भारत सरकार ने पहली बार 1 अप्रैल 1988 को शुरू किया था. बाद में इसे 2014 में फिर से लॉन्च किया गया, ताकि लोग सुरक्षित तरीके से अपनी बचत को बढ़ा सकें. यह स्कीम डाकघर और कुछ चुनिंदा बैंकों में उपलब्ध है.
योजना के तहत लाभार्थी को 7.5% सालाना ब्याज दर का लाभ मिलता है. साथ ही हर साल चक्रवृद्धि (compounded annually) का फायदा मिलता है. यानी ब्याज पर भी ब्याज मिलता है. मौजूदा दर के हिसाब से निवेश की गई राशि 115 महीनों यानी 9 साल 7 महीने में दोगुनी हो जाती है.
सिंगल होल्डर अकाउंट: एक व्यक्ति के नाम पर.
जॉइंट-A अकाउंट: दो या तीन लोगों के नाम पर, सबको संयुक्त भुगतान.
जॉइंट-B अकाउंट: दो या तीन लोगों के नाम पर, किसी एक या जीवित बचे व्यक्ति को भुगतान.
किसान विकास पत्र में निवेश करना बेहद आसान है. बस अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस या बैंक शाखा में जाएं और आवेदन फॉर्म भरें. फॉर्म के साथ जरूरी दस्तावेज (आधार, पैन, फोटो, एड्रेस प्रूफ) लगाएं.
लाभार्थी 1000 रुपये या उससे ज्यादा की राशि जमा कर सकते हैं. (इसमें सिर्फ 100 के गुणांक में निवेश किया जात सकता है यानी 1100, 1200… 2000, 1 लाख रुपये इस तरह.)
लाभार्थी नकद, चेक या ड्राफ्ट के माध्यम से योजना की किस्त का भुगतान कर सकते हैं.
जमा करने के बाद आपको तुरंत KVP सर्टिफिकेट मिलता है.
अगर खाता धारक की मृत्यु हो जाती है तो जमा राशि नामांकित व्यक्ति या कानूनी वारिसों को दी जाती है. अगर तीन से कम वारिस हैं तो वे चाहें तो खाता जारी रख सकते हैं और परिपक्वता पर पूरा ब्याज सहित पैसा हासिल कर सकते हैं.
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