असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमाअसम सरकार ने सोमवार को अन्न सेवा योजना का विस्तार करते हुए एक बड़ा फैसला लिया. इस योजना में तीन जरूरी चीजें - दाल, चीनी और नमक - सब्सिडाइज्ड रेट (सस्ती दर) पर शामिल की गईं. असम सरकार के इस कदम से नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) के तहत लगभग 70 लाख परिवारों को फायदा होगा.
यह योजना आधिकारिक रूप से राज्य की 33,000 फेयर-प्राइस दुकानों (सरकारी राशन की दुकानों) पर शुरू की गई, जहां लाभार्थियों, मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों की भागीदारी के साथ इस योजना को शुरू करने के लिए विशेष बैठकें आयोजित की गईं.
गुवाहाटी में श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में मुख्य लॉन्च कार्यक्रम का नेतृत्व मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने किया. इस खास मौके पर उन्होंने कहा कि इस कदम से "समावेशी विकास" के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि होती है.
डॉ. सरमा ने कहा, "अब से, राशन कार्ड वाले हर घर को सब्सिडाइज्ड रेट पर दाल, चीनी और नमक मिलेगा." इस योजना के तहत, 1 किलो दाल 69 रुपये में, चीनी 38 रुपये में और नमक 10 रुपये में बेचा जाएगा, जिसका कुल मिलाकर प्रति माह 117 रुपये होगा. हालांकि, 1 जनवरी से इसकी कुल कीमत घटाकर प्रति घर प्रति माह 100 रुपये कर दी जाएगी.
मुख्यमंत्री ने जब यह घोषणा की तब चारों ओर से तालियों की आवाज आई. इसी आवाज के बीच उन्होंने कहा, "69 रुपये देने और 1 रुपये के चेंज की चिंता करने के बजाय, हमने तय किया है कि 1 जनवरी से आप बस 100 रुपये देकर दाल, चीनी और नमक ले सकते हैं."
डॉ. सरमा ने गरीब परिवारों के लिए LPG की कीमतों का बोझ कम करने के लिए एक और उपाय की भी घोषणा की. उन्होंने कहा, "जिनके पास उज्ज्वला कार्ड है, उनके लिए गैस की कीमत 550 रुपये है, लेकिन जिनके पास नहीं है, उनके लिए 950-1000 रुपये है. इसे आसान बनाने के लिए, हम गैस खरीदने के लिए सीधे आपके खाते में 250 रुपये जमा करेंगे."
अपने भाषण में मुख्यमंत्री सरमा ने पहले से चले आ रहे मॉडल से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) में बदलाव पर जोर दिया, जिसका क्रेडिट उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन सुधारों को दिया.
उन्होंने कहा, "जब मोदी जी ने बैंक खाते जरूरी कर दिए, तो कई लोगों ने सोचा कि क्यों. लेकिन जब गरीबों को गैस सब्सिडी और COVID राहत सीधे उनके खातों में मिलने लगी, तो हमें उनका विजन समझ में आया."
पिछली सरकारों से तुलना करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारें कुछ सालों में एक बार धोती, कंबल और चादरें जैसी चीजें बांटती थीं. "यह एक ऐसा तरीका था जिससे लंबे समय में बहुत कम फायदा होता था." उन्होंने कहा, “पहले लोगों को मीटिंग्स में जाना पड़ता था और इस बात पर लड़ना पड़ता था कि किसे क्या मिलेगा. आज, हर रुपया सीधे गरीबों तक पहुंचता है.”
अपने भाषण को पॉपुलर अंदाज में खत्म करते हुए, सरमा ने वादा किया कि उनकी सरकार घर-घर की भलाई की योजनाओं को मजबूत करती रहेगी. उन्होंने कहा, “हमने आपको चावल, दाल, चीनी, नमक, ओरुनोदोई और निजुत मोइना दिया है. अगली बार, अगर आप हमें चुनाव जितवाते हैं, तो हम 1 लीटर सरसों का तेल देंगे. फिर घर की सारी चिंताएं खत्म हो जाएंगी.”
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