किसानों को खेती-बाड़ी के लिए आसानी से लोन मिले, उन्हें दर-दर की ठोकरें न खानी पड़े, कागजी झंझट में न फंसना पड़े, इससे बचाने के लिए सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card/KCC) स्कीम शुरू की है. जैसा कि नाम से साफ है, यह ऐसा कार्ड है जो किसानों को क्रेडिट यानी कि लोन की सुविधा देता है. शुरू में यह कार्ड केवल उन किसानों के लिए था जो खेती करते थे, मछली पालन या पशुपालन से जुड़े थे. लेकिन बाद में इसका दायरा बढ़ा दिया गया. अब इस कार्ड की बदौलत किसान कटाई के बाद फसलों के प्रबंधन से लेकर डेयरी के काम और पंप सेट आदि खरीदने के लिए भी लोन ले सकते हैं. सबसे खास बात ये है कि यह कार्ड बेहद कम समय में और बहुत ही कम कागजातों की जरूरत में किसानों को तीन लाख तक का लोन दिलाता है. ब्याज दर चार परसेंट होती है जो कि न के बराबर है.
कुछ और फायदे की बात करें तो किसान क्रेडिट कार्ड अब सीधे तौर पर पीएम किसान सम्मान निधि (PM Kisan) स्कीम से जुड़ गया है. जो लोग पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थी हैं, जो लोग पीएम किसान का पैसा उठाने के पात्र हैं, वे बेहद आसानी से केसीसी के लिए अप्लाई कर सकते हैं. केसीसी के लाभार्थियों को आसानी से Kisan Credit Card मिल जाता है.
केसीसी स्कीम के अंतर्गत सरकार ने यह बंदोबस्त किया है कि किसानों के माथे पर ब्याज का अधिक बोझ न पड़े. ब्याज बढ़ने से किसानों की खेती की लागत बढ़ जाएगी इससे उनके कर्ज में फंसने का डर बना रहेगा. इससे छुटकारा देने के लिए बैंकों के रेगुलर लोन से बहुत कम ब्याज केसीसी पर लिया जाता है. केसीसी के लोन का ब्याज दो परसेंट से शुरू होता है और औसतन चार परसेंट तक जाता है. ब्याज की दर इस बात पर भी निर्भर करती है कि किसान केसीसी का लोन कितने दिनों में चुकाता है. सही वक्त पर लोन का री-पेमेंट किया जाए तो उन्हें तीन लाख तक का लोन आसानी से चार परसेंट तक दर से मिल सकता है.
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बाकी क्रेडिट कार्ड की तरह किसान क्रेडिट कार्ड पर भी इंश्योरेंस का लाभ मिलता है. जिस किसान के पास केसीसी है, अगर किसी दुर्घटना में उसकी मौत हो जाए या हमेशा के लिए अपंग हो जाए तो उसे 50,000 रुपये का बीमा लाभ दिया जाता है. अन्य जोखिमों में इंश्योरेंस का लाभ 25,000 रुपये निर्धारित है.
ऑफलाइन आवेदन अपनी पसंद के बैंक की शाखा में जाकर या बैंक की वेबसाइट से आवेदन पत्र डाउनलोड करके भी किया जा सकता है. आवेदक शाखा में जा सकता है और बैंक एजेंट की मदद से आवेदन प्रक्रिया शुरू कर सकता है. एक बार कागजी कार्यवाही पूरी हो जाने के बाद, बैंक का लोन अधिकारी किसान को लोन की राशि दिलाने में मदद कर सकता है.
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