झारखंड के किसानों के चेहरे खिले, 6.6 लाख के खाते में भेजी गई सूखा राहत योजना की राशि

झारखंड के किसानों के चेहरे खिले, 6.6 लाख के खाते में भेजी गई सूखा राहत योजना की राशि

झारखंड राज्य कृषि निदेशक निशा उरांव ने कहा कि झारखंड राज्य के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब इतनी बड़ी संख्या में किसानों को इतनी बड़ी राशि ट्रांसफर की जा रही है. इसके लिए कृषि विभाग की टीम ने काफी मेहनत की है. जबकि काफी किसान योजना की राशि से असंतुष्ट हैं और उन्होंने राहत के लिए आवेदन ही नहीं किया.

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झारखंड के किसानों के चेहरे खिले, 6.6 लाख के खाते में भेजी गई सूखा राहत योजना की राशिझारखंड के किसानों को मिली सौगात

झारखंड के सूखा प्रभावित क्षेत्रों के किसानों को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सौगात दी है. मुख्यमंत्री सूखाड़ राहत योजना के तहत राज्य के किसानों को 3500 रुपये की राशि दी जा रही है, ताकि सूखे का संकट झेल रहे किसानों को थोड़ी राहत म‍िल सके. योजना के तहत राज्य के 22 जिलों के सभी सूखाग्रस्त 226 प्रखंडों के किसानों को 3500 रुपये की राशि उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी. राज्य सरकार ने राज्य के 31 लाख किसानों को इस योजना के तहत लाने का लक्ष्य रखा है. 

मुख्यमंत्री सूखाड़ राहत योजना के तहत किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए कृषि विभाग ने काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. सबसे पहले विभाग के अधिकारियों की एक टीम बनाई गई थी. उन्हें अलग-अलग जिलों के अलग-अलग प्रखंडवार सूखे का निरीक्षण करने के लिए कहा गया था. विभाग के अधिकारी एक-एक गांव में गए थे और वहां पर जाकर बारिश की स्थिति और बुवाई का आकलन किया था. इसके बाद सूखे की रिपोर्ट तैयार की गई थी. किसानों को सूखा राहत का लाभ दिलाने के लिए सूखाड़ मैनुअल 2016 का प्रयोग किया गया था. 

गंभीर सूखे की चपेट में थे 226 ब्लॉक 

इसके बाद यहां किए गए आकलन के आधार पर पाया गया कि 226 ब्लॉक में से कुछ ब्लॉक ऐसे भी थे जहां पर गंभीर सूखा पड़ा था और कहीं पर मध्यम सूखा पड़ा था. इसके आधार पर किसानों को मुआवजा देने का एलान किया गया था. किसानों को इस योजना के तहत लाभ लेने के लिए प्रज्ञा केंद्रों पर जाकर आवेदन करने के लिए कहा गया था. आवदेन करने की अंतिन तारीख 29 दिसंबर तक रखी गई थी. आवेदन करने की तारीख राज्य सरकार द्वारा बढ़ाई गई थी क्योंकि कई किसान आवेदन नहीं कर पा रहे थे. 

कई किसानों ने नहीं किया आवेदन

नाम नहीं छापने की शर्त पर कुछ किसानों ने यह भी कहा की वो राज्य सरकार द्वारा दी जा रही मुआवजा राशि की रकम से संतुष्ट नहीं थे. उनका कहना था कि एक एकड़ में खेती करने में 25-30 हजार रुपए का खर्च आता है ऐसे में 3500 रुपये की मामूली रकम से क्या होगा इसलिए वो मुख्यमंत्री सूखाड़ योजना के तहत आवेदन नहीं कर रहे हैं. 

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6.6 लाख किसानों के खाते में भेजे गए पैसे

झारखंड राज्य कृषि निदेशक निशा उरांव ने कहा कि झारखंड राज्य के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब इतनी बड़ी संख्या में किसानों को इतनी बड़ी राशि का ट्रांसफर किया जा रहा है. इसके लिए कृषि विभाग की टीम ने काफी मेहनत की है. पहले चरण में प्रथम चरण में 6.6 लाख किसानों के खाते में पैसे ट्रांसफर करने के लिए 232 करोड़ राशि का वितरण किया गया. आंकड़ों के मुताबिक अब तक 26 लाख छह हजार 829 किसानों ने आदेवन किया है.  

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