झारखंड की राजधानी के धुर्वा स्थित प्रभात तारा मैदान में किसान सम्मान योजना का आयोजन हुआ. इसमें हेमंत सोरेन सरकार ने 2 लाख तक के कृषि ऋण माफी योजना के तहत 1,76,977 किसानों का 400 करोड़ रुपये का ऋण माफ किया. योजना के तहत 400.60 करोड़ की राशि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने DBT के माध्यम से ट्रांसफर किया. मौके पर मुख्यमंत्री ने झारखंड के दूध उत्पादकों को दूध उत्पादन के लिए प्रति लीटर दो रुपया प्रोत्साहन राशि को बढ़ाकर 5 रुपया प्रति लीटर करने की योजना का भी शुभारंभ किया. फसल बीमा 1 रुपया में करने की योजना का भी शुभारंभ किया. इससे 16 लाख किसान लाभान्वित होंगे.
मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि आज ऋण माफी जुटान नहीं है बल्कि किसानों के सम्मान का महाजुटान है. सोरेन ने कहा, मौसम की मार किसानों को लगातार 2-3 वर्ष से हो रही थी. किसान अगर मौसम की मार खाता है तो उसे कमर सीधा करने में समय लगता है, इसलिए करीब 38 लाख पंजीकृत किसानों का 2 लाख रुपये तक का ऋण माफ करने का निर्णय लिया. उसी के तहत किसानों का करीब 400 करोड़ रुपये का ऋण माफ हो रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा, क्यों झारखंड दुग्ध, अंडा, मछली, फल-सब्जी उत्पादन में आगे नहीं बढ़ सकता है. बस हमें नीतियों पर काम करने की जरूरत है. हम लोगों ने राज्य को जो दिशा दी है. वह किसानों और गांव की अर्थव्यवस्था के लिए मिल का पत्थर साबित होगा. आपकी सरकार ने आपके चेहरे पर मुस्कान लाने का हर संभव प्रयास किया है. किसानों का ऋण माफ हो रहा है. 200 यूनिट तक का बकाया बिजली बिल माफ किया गया. 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त कर दी गई. आप बेफिक्र रहिए. अपने बच्चों का लालन-पालन बेहतर ढंग से करें, सरकार आपके साथ है.
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हेमंत सोरेन ने कहा, हमारे राज्य में 80 फीसदी लोग गांव-देहात में निवास करते हैं, जो खेती-बाड़ी से जुड़े हुए हैं. इसी पर इनका जीवन-यापन होता है. किसानों के पास बोरा भरकर पैसा नहीं है. बैंक बैलेंस नहीं है. कोई एटीएम कार्ड नहीं है. बड़ी मुश्किल से बैंक खाता खुलता भी है तो उस खाते में पैसा मेहनत-मजदूरी करके जमा करने का प्रयास किसानों का रहता है. हमारे किसानों का बैंक खाता होता है और किसानों का एटीएम उनका खलिहान होता है.
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