सरकार मोटे अनाजों यानी श्री अन्न की खेती पर जोर दे रही है. वजह है छोटे किसानों की कमाई बढ़ाने की तैयारी. दूसरी बड़ी वजह है इसकी खेती में पानी की बहुत कम जरूरत होती है. हालांकि इसका फायदा देखें तो हर अनाजों से यह आगे है. तभी सरकार इसकी खेती और उपज बढ़ाकर किसानों को सीधा इसका लाभ पहुंचाना चाह रही है. सरकार मोटे अनाजों का इस्तेमाल खाद्य सुरक्षा में भी बढ़ा रही है जिससे इसकी खेती को और अधिक बढ़ावा मिले. दरअसल मोटे अनाज के घरेलू और वैश्विक मांग को बढ़ावा देखते हुए भी सरकार इसकी खेती पर जोर दे रही है.
यह जानकारी केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी है. इसका मुख्य उद्देश्य ये ही है कि उत्पादन और उत्पादकता, खपत, निर्यात, ब्रांडिंग, स्वास्थ्य लाभ के लिए जागरूकता पैदा करना आदि शामिल है.
भारत सरकार ने इसे जन आंदोलन बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए हैं, ताकि भारतीय मोटे अनाज के उत्पादन को विश्व स्तर पर बढ़ावा दिया जा सके. इसके लिए भारत में जी20 की अध्यक्षता, मोटे अनाज पाक कार्निवल, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कार्यक्रम, शेफ सम्मेलन, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की प्रदर्शनी, रोड शो, किसान मेले, अर्धसैनिक बलों के लिए शेफ का प्रशिक्षण, इंडोनेशिया और दिल्ली में आसियान भारत मिलेट्स महोत्सव के दौरान मोटे अनाज को बढ़ावा दिया जा रहा है.
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भारत को 'श्री अन्ना' के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने के लिए, भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान (आईआईएमआर), हैदराबाद को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्तम प्रथाओं, अनुसंधान और प्रौद्योगिकियों को साझा करने के लिए वैश्विक उत्कृष्टता केंद्र घोषित किया गया है. इसमें किसानों, महिला किसानों, छात्र और युवाओं को प्रशिक्षण दे रहा है. संस्थान ने मोटे अनाज खाद्य पदार्थों के लिए "रेडी टू ईट" और "रेडी टू कुक" टैग के तहत मोटे अनाज खाद्य पदार्थों की ब्रांडिंग कर रहा है.
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) ने 2022-23 से 2026-27 के दौरान खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दे दी है. इसमें महिला और बाल विकास मंत्रालय के पोषण अभियान के अंतर्गत मोटे अनाज भी शामिल हैं.
भारत से मोटे अनाज निर्यात के प्रचार, विपणन और विकास की सुविधा के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक निर्यात संवर्धन मंच की स्थापना की गई है. ईट राइट अभियान के तहत, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) स्वस्थ और विविध आहार के हिस्से के रूप में मोटे अनाज के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता पैदा कर रहा है. साथ ही सरकारी कर्मचारियों के बीच श्री अन्न की खपत को प्रोत्साहित करने के लिए, सभी सरकारी कार्यालयों में श्री अन्न से बने स्नैक्स को शामिल करने की सलाह दी गई है.
इसके अलावा, भारत सरकार राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के तहत राज्यों को राज्य की विशिष्ट जरूरतों के लिए काम कर रही है. इसके अलावा, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए राज्यों में मिलेट मिशन शुरू किए गए हैं.
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