देश में प्रदूषण एक बहुत बड़ी समस्या है. खरीफ फसलों की कटाई के समय से यह समस्या और ज्यादा विकराल रूप ले लेती है. ऐसा इसलिए क्योंकि उस समय किसान खेतों में ही अपनी पराली को जला देते है. उन्हें अगली फसल के लिए अधिक समय नहीं मिलता, इसलिए शॉर्ट कट रास्ता अपनाते हुए पराली को जला देना ही उन्हें सही लगता है. लेकिन यह समस्या गंभीर होती जा रही है. सांस की कई बीमारियों को देखते हुए सरकार ने पराली जलाने पर रोक लगा दी है. इसी पराली और उससे बनने वाले ईंधन के बारे में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पूरी जानकारी दी है. उन्होंने पूरी प्लानिंग भी बताई है कि कैसे पराली से पैसा बनेगा और इथेनॉल पेट्रोल-डीजल की जगह लेगा.
अब पराली से ईंधन तैयार किया जा रहा है. आने वाले कुछ समय में पराली यानी फसलों के बचे ठूंठ या अवशेष का उपयोग बड़े स्तर पर किया जाएगा. हालांकि यह काम अब भी जारी है, लेकिन इसका दायरा और बढ़ने वाला है. इसको लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वो दिन अब दूर नहीं जब आने वाले तीन से चार सालों में अनाजों और पराली से बने ईंधन का उपयोग कमर्शियल हवाई जहाज, फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर में किया जाएगा.
दिल्ली में आयोजित 63वें ACMA वार्षिक सत्र में नितिन गडकरी ने कहा कि देश में अब पराली नहीं जलाई जाती है. उन्होंने कहा कि पानीपत में इंडियन ऑयल का प्लांट शुरू हो चुका है. यहां पराली से एक लाख लीटर इथेनॉल बनाया जाता है. वहीं पराली से 150 टन बायो बिटुमेन बनाई जाती है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि एयरफोर्स के फाइटर जेट में 22 फीसदी इथेनॉल डाला जा रहा है. ऐसा शुरू भी हो चुका है और यह काम अपने ही देश में हो रहा है.
ये भी पढ़ें:- Stubble Burning: इथेनॉल बनाने में किया जाएगा पराली का इस्तेमाल, प्रदेश भर में खोले जाएंगे सेंटर
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में आठ फीसदी बॉयो एविएशन फ्यूल, एविएशन फ्यूल में डालने की योजना है. उन्होंने कहा कि वह दिन अब दूर नहीं जब तीन से चार सालों में किसानों द्वारा तैयार किए गए ईंधन पर कमर्शियल हवाई जहाज, फाइटर जेट और हेलिकॉप्टर उड़ाए जाएंगे.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अभी देश का तेल इंपोर्ट 16 लाख करोड़ का है और आने वाले पांच सालों में इसका इंपोर्ट 25 लाख करोड़ का होगा. गडकरी ने कहा कि देश में गाड़ियों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि उनके मंत्री बनने से पहले 4.5 लाख करोड़ की इंडस्ट्री थी और आज 12.5 लाख करोड़ की इंडस्ट्री हो चुकी है. उन्होंने कहा कि भारत आत्मनिर्भर बन रहा है, जिसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि हम अर्थव्यवस्था के मामले में कभी सातवें नंबर पर हुआ करते थे और अब जापान को पीछे छोड़कर तीसरे नंबर पर आ चुके हैं.
#WATCH अब पराली जलती नहीं है। अब पराली से 1 लाख लीटर इथेनॉल बनाई जाती है। 150 टन बायो बिटुमेन बनाते हैं। आने वाले कुछ वर्षों में कमर्शियल हवाई जहाज, फाइटर जेट, हेलीकॉप्टर किसानों द्वारा तैयार किए गए ईंधन पर चलेंगे: दिल्ली में आयोजित 63वें एसीएमए वार्षिक सत्र में केंद्रीय मंत्री… pic.twitter.com/HOyZ0c4oBG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 14, 2023
नितिन गडकरी पूर्व में बोल चुके हैं कि डीजल की जरूरत को कम करने और पॉल्यूशन फ्री देश बनाने के लिए पराली से बॉयो ईंधन बनाने के लिए एक हजार प्लांट लगाने की योजना है. गडकरी बार-बार यह बात भी दोहराते रहे हैं कि वे देश से पेट्रोल और डीजल का नामो निशान मिटा देंगे क्योंकि कच्चा तेल खरीदने पर देश का अरबों रुपया विदेशों में जाता है. गडकरी इस आयात को खत्म करने के लिए इथेनॉल, मेथेनॉल और हाइड्रोजन जैसे ईंधनों पर जोर दे रहे हैं. आपको याद होगा अभी हाल में उन्होंने देश में इथेनॉल पर चलने वाली पहली कार लॉन्च की जो इथेनॉल के साथ बिजली पर दौड़ती है. इस तकनीक को फ्लेक्स फ्यूल इंजन का नाम दिया गया है.
अब इस तरह की तकनीक कई गाड़ियों में लॉन्च होगी. गडकरी के मुताबिक अगले छह महीने में देश में इथेनॉल पर चलने वाली गाड़ियां लॉन्च हो जाएंगी. यहां तक कि रिक्शा और बाइक भी आपको इथेनॉल पर दौड़ते दिख जाएंगे. बड़े स्तर पर बात करें तो सरकार जेट विमान और हेलीकॉप्टर भी इथेनॉल पर उड़ाने की योजना बना रही है जैसा कि ब्राजील में देखा जाता है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today