केंद्र सरकार ने किसानों से गेहूं की उपज खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर रखा है. मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में गेहूं खरीद की तैयारिया जोरों पर चल रही हैं. मध्य प्रदेश में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू होने के 10 दिन में ही 28 हजार से किसानों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है. यह दर्शाता है कि किसान अच्छा दाम पाने के साथ ही सरल रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के चलते अपनी उपज को सरकारी केंद्रों पर बिक्री के लिए दिलचस्पी दिखा रहे हैं.
मध्य प्रदेश कृषि विभाग के अनुसार गेहूं किसानों को 150 रुपये बढ़े दाम के अनुसार एमएसपी का भुगतान उनके खाते में किया जाएगा. मध्य प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने बताया है कि किसान 31 मार्च तक पंजीयन करा सकते हैं. जबकि, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 20 जनवरी से चल रही है. राज्य की 80 से ज्यादा मंडियों को 1 जनवरी से डिजिटल कर दिया गया है. इसकी वजह से किसानों को काफी आसानी हो रही है.
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने कहा कि वर्ष 2025-26 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये घोषित किया गया है. यह बीते साल से 150 रुपये अधिक है. उन्होंने किसानों से आग्रह किया है कि गेहूं की बिक्री के लिए समयसीमा में पंजीयन जरूर करा लें. अभी तक राज्य के कुल 80 लाख से ज्यादा किसानों में से गेहूं की बिक्री के लिए 28 हजार 677 किसानों ने पंजीयन करा लिया है.
राज्य के कृषि मंत्रालय के अनुसार 20 जनवरी से गेहूं की सरकारी खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जो 31 मार्च 2025 तक जारी रहेगी. राज्य सरकार ने किसानों से कहा है कि मुफ्त रजिस्ट्रेशन के लिए वह ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, तहसील कार्यालय, सहकारी समितियां में निशुल्क रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. जबकि, 50 रुपये फीस देकर किसान एमपी ऑनलाइन कियोस्क, कॉमन सर्विस सेंटर, लोक सेवा केंद्र पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
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