प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधिप्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 12वीं किस्त 17 अक्टूबर को दीपावली से पहले लाभार्थियों के खाते में पहुंच चुकी है. अब किसानों को तेरहवीं किस्त आने का इंतजार है. 12वीं किस्त से बहुत से किसान वंचित रह गए थे, जो अब 13वीं किस्त पाने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन इसके लिए किसानों के लिए एक कार्य अनिवार्य कर दिया गया है. किसानों के लिए ई-केवाईसी कराना अनिवार्य हो गया है. उत्तर प्रदेश में भी 11वी किस्त के मुकाबले 12वीं किस्त पाने से पचास लाख से ज्यादा किसान वंचित रह गए. इन किसानों का e-kyc और भूलेख अंकन नहीं पाया है. ऐसे में जो किसान तेरहवीं किस्त पाना चाहते हैं उन्हें e-kyc के साथ-साथ अपना भूलेख अंकन भी कराना होगा. ईकेवाईसी के लिए 31 दिसंबर की तारीख भी तय कर दी गई है. इस तिथि तक अगर किसान अपना ई केवाईसी वेरिफिकेशन नहीं कराते हैं तो उनके खाते में तेरहवीं किस्त नहीं जाएगी.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत साल में चार चार महीने की तीन किस्त में किसानों को ₹2000 उनके खाते में भेजा जाता है. इस तरह प्रतिवर्ष लाभार्थी किसान को ₹6000 पीएम किसान सम्मान निधि के तहत मिलते हैं. 17 अक्टूबर को 12वीं किस्त जारी की गई थी. देश में 8 करोड़ से ज्यादा किसानों के खाते में 16000 करोड़ भेजे गए. हालांकि 12वीं किस्त पाने वालों की संख्या कम है क्योंकि पूरे देश में चार करोड़ किसानों को बाहर किया जा चुका है. केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि जो किसान ई केवाईसी पूरा नहीं करेंगे, उनके खाते में तेरहवीं किस्त नहीं भेजी जाएगी.
तेरहवीं किस्त पाने के लिए लाभार्थी किसानों के लिए आधार कार्ड होना अनिवार्य किया गया है. बिना आधार कार्ड के किसान अब रजिस्ट्रेशन नहीं करा सकते हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार ने पीएम किसान योजना के लाभार्थियों के लिए ई-केवाईसी को अब अनिवार्य कर दिया है. 31 दिसंबर तक सभी किसानों को ई-केवाईसी कराना अनिवार्य है.
किसानों को अपने भू-लेख का सत्यापन कराना सबसे आवश्यक है. क्योंकि उत्तर प्रदेश में ई-केवाईसी और भू-लेख सत्यापन करने के कारण करीब 7000000 किसान 12वीं किस्त पाने से वंचित रह गए हैं.
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