Farm Machinery: कस्टम हायरिंग सेंटर से किराये पर लें कृषि यंत्र, खेती को बनाएं आसान और सस्ता

Farm Machinery: कस्टम हायरिंग सेंटर से किराये पर लें कृषि यंत्र, खेती को बनाएं आसान और सस्ता

खेती को आसान और सस्ता बनाने के लिए सरकार ने किसानों के लिए एक बेहतरीन सुविधा शुरू की है – कस्टम हायरिंग सेंटर (Custom Hiring Center-CHC). इस सुविधा के ज़रिए किसान अब महंगे कृषि यंत्रों को खरीदने की बजाय उन्हें किराये पर ले सकते हैं. इससे खेती की लागत कम होती है और काम जल्दी व आसानी से पूरा होता है.

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कस्टम हायरिंग सेंटर से किराये पर लें कृषि यंत्र, खेती को बनाएं आसान और सस्ताअब रेंट पर लें कृषि यंत्र

भारत में आज भी किसान उसी पैमाने पर खेती करते हैं, जैसे कुछ दशक पहले करते थे. हालांकि, खेती के तरीके में कई बदलाव देखने को मिले हैं. ये बदलाव समय और बढ़ते विज्ञान की वजह से हुआ है. कुछ दशक पहले जिस काम को करने में कई दिन लग जाते थे, आज किसान कृषि यंत्रों की मदद से वही काम कुछ घंटों में कर लेते हैं. लेकिन आज भी देश के छोटे और सीमांत किसानों के लिए कृषि यंत्र खरीदना एक बड़ी चुनौती है. कम आमदनी की वजह से वे इतने सक्षम नहीं होते कि एक साथ सभी कृषि यंत्र खरीद सकें और कृषि कार्य को आसान बना सकें.

ऐसे में केंद्र सरकार ने किसानों की इस परेशानी से निजात दिलाने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर की शुरुआत की है. जहां से किसान सबसे कम कीमत पर कृषि यंत्र ले सकते हैं, अपना काम कर सकते हैं और फिर उसे वापस कर सकते हैं. ये एक तरह की रेंट सिस्टम की तरह काम करता है.

क्या है कस्टम हायरिंग सेंटर?

कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC) एक ऐसा केंद्र होता है जहाँ पर ट्रैक्टर, थ्रेशर, रोटावेटर, बीज बोने की मशीन, स्प्रेयर जैसी आधुनिक कृषि मशीनें उपलब्ध होती हैं. इन मशीनों को किसान अपनी जरूरत के हिसाब से कुछ समय के लिए किराए पर ले सकते हैं. ये सेंटर सरकार या सहकारी समितियों द्वारा संचालित किए जाते हैं.

कैसे काम करता है कस्टम हायरिंग सेंटर?

कस्टम हायरिंग सेंटर किसानों को सस्ती दरों पर कृषि यंत्र किराए पर देता है. किसान केंद्र पर जाकर या मोबाइल ऐप के माध्यम से मशीन बुक कर सकते हैं. तय समय पर मशीन किसान के खेत तक पहुँचाई जाती है या किसान खुद जाकर उसे ले सकता है. उपयोग के बाद मशीन को वापस लौटाना होता है.

कैसे उठा सकते हैं कस्टम हायरिंग सेंटर का लाभ?

  • पंजीकरण कराएं: सबसे पहले किसान को नजदीकी कस्टम हायरिंग सेंटर में जाकर या सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर पंजीकरण करना होता है.
  • मशीन की उपलब्धता देखें: ज़रूरत के अनुसार मशीन की उपलब्धता की जानकारी लें.
  • बुकिंग करें: मशीन की बुकिंग निर्धारित समय और तिथि के अनुसार करें.
  • मशीन का उपयोग: बुक की गई मशीन का उपयोग खेत में करें और समय पर वापस करें.

कस्टम हायरिंग सेंटर से कृषि यंत्र कैसे लें?

  • सरकारी ऐप या पोर्टल पर जाएं – जैसे 'फार्म मशीनरी सॉल्यूशन' या राज्य सरकार की वेबसाइट.
  • पंजीकरण करें – मोबाइल नंबर, आधार कार्ड और जमीन के दस्तावेजों की जरूरत पड़ सकती है.
  • मशीन चुनें – ट्रैक्टर, थ्रेशर, कंबाइन हार्वेस्टर आदि में से कोई भी मशीन चुनें.
  • बुकिंग करें – जरूरत की तारीख और समय का चयन करें.
  • भुगतान करें – किराया ऑनलाइन या सेंटर पर जाकर अदा करें.
  • मशीन प्राप्त करें – मशीन खुद लें या डिलीवरी सुविधा का लाभ उठाएं.

कस्टम हायरिंग सेंटर के लाभ

  • महंगे कृषि यंत्र खरीदने की जरूरत नहीं
  • खेती की लागत में कमी
  • कम समय में ज्यादा काम
  • छोटे किसानों के लिए फायदेमंद
  • आधुनिक तकनीक तक आसान पहुंच

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