बिहार सरकार ने राज्य में दलहन और तिलहन के उत्पादन को बढ़ावा देने और किसानों को एमएसपी का फायदा पहुंचाने के लिए एक अहम फैसला किया है. बिहार कैबिनेट ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर दलहन और तिलहन की खरीद के लिए खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. राज्य के कैबिनेट सचिवालय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) एस सिद्धार्थ की तरफ से मंगलवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में इस बात की जानकारी दी गई है. माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से राज्य के लाखों किसानों को फायदा हो सकेगा.
राज्य में रबी विपणन सत्र (आरएमएस) 2025-26 के लिए चना (छोले) के लिए एमएसपी 5650 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है. इसी तरह, मसूर (मसूर) और सरसों के लिए एमएसपी 6700 रुपये और 5950 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है. बताया जा रहा है कि सरकार के फैसले से किसानों को उनकी फसल की सही कीमत मिल सकेगी. साथ ही साथ इससे उनकी आय में भी इजाफा होगा. राज्य में इस फैसले को किसानों को दालों और तिलहन की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने वाला बताया जा रहा है.
बिहार राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम को राज्य स्तरीय सपोर्टर और केंद्रीय भंडारण के तौर पर नैफेड के साथ ही एनसीसीएफ को इसकी जिम्मेदारी दी गई है. ये दोनों एजेंसियां किसानों से एमएसपी पर दालों और तिलहनों की खरीद करेंगी. बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने इस बारे में कहा है है कि एमएसपी की यह व्यवस्था भारत सरकार की मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत लागू की जाएगी.
सम्राट चौधरी का कहना था कि सरकार के फैसले के बाद जो नई प्रक्रिया आएगी उससे किसानों को बाजार मूल्य की अनिश्चितता से राहत मिल सकेगी. साथ ही राज्य सरकार को कृषि उत्पादन और कीमतों को नियंत्रित करने में ज्यादा पारदर्शिता लाने में भी मदद मिलेगी. डिप्टी सीएम ने यह साफ किया कि अब तक राज्य में जो व्यवस्था रबी मार्केटिंग सीजन 2020-21, 2021-22 और 2023-24 में लागू थी, उसे पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा. अब पैक्स (पीएसीएस) और व्यापार मंडल के माध्यम से किसानों से एमएसपी पर फसलें शामिल की गई हैं. इस पूरे कार्य का संचालन विभाग के अंतर्गत किया जाएगा.
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