आयुष्मान योजना का लाभ लेने में महिलाएं भी पीछे नहीं हैं. ताजा आंकड़ों के अनुसार स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ लेने वाली कुल आबादी में 49 फीसदी हिस्सेदारी महिलाओं की है. आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना के तहत 12 जनवरी 2024 तक 30 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं. योजना का लक्ष्य 12 करोड़ लाभार्थी परिवारों को 5 लाख रुपये प्रति वर्ष का स्वास्थ्य कवर प्रदान करना है.
आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई के तहत आयुष्मान कार्ड बनाने की गति में तेजी लाई गई है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार 30 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं. इसमें से महिलाओं के लिए लगभग 14.6 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं, जो करीब 49 फीसदी है. योजना के तहत उपचार का 48 प्रतिशत लाभ महिला लाभार्थियों ने उठाया है. पिछले दो वित्तीय वर्षों के दौरान ही 16.7 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं. विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान 7.5 करोड़ से ज्यादा आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं. इसका मतलब है कि हर मिनट लगभग 181 आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं.
आयुष्मान योजना के तहत कार्ड बनाने के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है. यूपी ने 4.83 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए हैं. मध्य प्रदेश 3.78 करोड़ और महाराष्ट्र 2.39 करोड़ आयुष्मान कार्डों के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र में 2.4 करोड़, गुजरात में 2.3 करोड़, छत्तीसगढ़ में 2.1 करोड़, असम में 1.6 करोड़, राजस्थान में 1.6 करोड़, कर्नाटक में 1.5 करोड़, आंध्र प्रदेश में 1.5 करोड़, झारखंड 1.2 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं. एनएचए ने आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए ‘आयुष्मान ऐप’ लॉन्च किया है. ऐप में स्व-सत्यापन की सुविधा है. 4 साधारण चरणों में यूजर एंड्रॉइड मोबाइल फोन से आयुष्मान कार्ड बना सकते हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाईके तहत 6.2 करोड़ से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती की सुविधा दी गई. इससे 79,157 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आया. यदि लाभार्थियों ने एबी पीएम-जेएवाई के दायरे से बाहर अपने दम पर समान उपचार का लाभ उठाया होता, तो उपचार की कुल लागत लगभग 2 गुना अधिक हो जाती. इस प्रकार गरीबों और वंचित परिवारों के जेब खर्च से 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई.
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today