आधार (Aadhar) केवल आपकी पहचान नहीं है बल्कि कई योजनाओं के लिए अनिवार्य दस्तावेज भी है. अगर भरोसा न हो तो किसी स्कीम में आधार की कॉपी न लगाएं. आपको पता चल जाएगा कि इसके बिना कितने बड़े-बड़े काम रुक जाएंगे. खासकर केंद्र सरकार की स्कीम का लाभ लेना हो, तो इसके बिना तो कुछ भी नहीं हो पाएगा. खेती-बाड़ी से जुड़ी योजनाएं भी इसी में शामिल हैं. इसी कड़ी में एक नया नियम देश के पाम ऑयल से जुड़े किसानों के लिए है. कृषि मंत्रालय के मुताबिक अगर पाम किसान अपने आवेदन में आधार प्रूफ नहीं लगाएंगे तो उन्हें केंद्र की सब्सिडी का लाभ नहीं मिल पाएगा.
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने पाम किसानों के लिए आधार प्रूफ को अनिवार्य बना दिया है. अगर इन किसानों को पाम की खेती में केंद्र की सब्सिडी चाहिए तो आधार देना जरूरी होगा. आधार इसलिए मांगा जा रहा है क्योंकि उससे जुड़े बैंक खाते में ही सब्सिडी का पैसा ट्रांसफर होगा. यह पैसा डीबीटी के जरिये आएगा. इसलिए जिन किसानों को पाम की सब्सिडी चाहिए, उन्हें अपने आधार की जानकारी देनी होगी.
हालांकि इस सख्त नियम के बीच कुछ ढिलाई भी की गई है, लेकिन कुछ दिनों के लिए. सरकार ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि जिन किसानों के पास आधार नहीं है, उनका कार्ड जल्द बनाया जाए. दूसरी ओर, कोई पाम किसान तत्काल सब्सिडी की योजना से वंचित न रह जाए, इसलिए विकल्प के तौर पर आधार की जगह पर कोई दूसरा पहचान दस्तावेज जमा कराने का निर्देश दिया गया है. किसान अभी कोई वैकल्पिक पहचान पत्र देकर सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं, लेकिन बाद में आधार प्रूफ जरूर जमा कराना होगा.
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दरअसल, केंद्र सरकार देश में पाम का उत्पादन बढ़ाने के लिए एक मिशन मोड में काम कर रही है. इसके लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम यानी कि NMEO-OP लॉन्च किया गया है. इस मिशन के जरिये सरकार ने 2025-26 तक देश में 11.20 लाख टन कच्चा पाम तेल उत्पादन का लक्ष्य रखा है. अभी देश की खपत का अधिकांश हिस्सा विदेशों से आयात होता है जिस पर सरकारी खजाने के अरबों रुपये खर्च होते हैं. यह मिशन देश के 15 राज्यों में काम कर रहा है जिसमें 21.75 लाख हेक्टेयर जमीन को शामिल किया गया है.
सरकार इस मिशन के तहत पाम किसानों को सब्सिडी देती है जिसे वीजीपी यानी कि वायबिलिटी गैप पेमेंट कहा जाता है. यह सब्सिडी इसलिए दी जाती है ताकि कच्चे तेल के दाम गिरने से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई की जा सके. देश के मार्केट में कच्चे पाम तेल की कीमतें जैसे ही गिरती हैं, यहां के किसानों को सरकार डीबीटी के माध्यम से सब्सिडी का पैसा उनके खाते में ट्रांसफर करती है. सब्सिडी इसलिए दी जाती है ताकि किसान नुकसान से बच सके और पाम की खेती में बना रहे. इस सब्सिडी को लेने के लिए सरकार ने आधार नंबर जरूरी कर दिया है. सब्सिडी के लिए आधार प्रूफ देना होगा और नहीं है तो उसके लिए आवेदन करना होगा. अभी किसी वैकल्पिक पहचान पत्र से काम चल जाएगा, लेकिन बाद में आधार नंबर की जानकारी अनिवार्य होगी.
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