भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधियों ने हरियाणा के सीएम मनोहर लाल से मिलकर भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन की मांग उठाई. इस पर मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में सरकारी परियोजनाओं के लिए एक ईंच भूमि का भी अधिग्रहण नहीं किया गया है. हमारी सरकार ने ई-भूमि पोर्टल शुरू किया हुआ है, जिसके माध्यम से परियोजनाओं के लिए भूमि मालिकों की सहमति पर उनके रेट के अनुसार सरकार उनकी जमीन ले रही है. इस प्रकार भू-मालिकों की आपसी सहमति से अब तक लगभग 900 एकड़ भूमि सरकार खरीद चुकी है. लेकिन, अधिग्रहण नहीं हुआ है.
बुधवार को यूनियन के प्रतिनिधियों ने चंडीगढ़ में सीएम से किसानों की जमीन से जुड़ी एक और समस्या उठाई. कहा कि हाईवे या एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण के कारण खेतों में जाने के लिए रास्ते की व्यवस्था नहीं है. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों के दोनों तरफ की जमीनों की फिर से चकबंदी होगी. ताकि किसी किसान की जमीन यदि सड़क के दोनों तरफ आ गई है तो उसे सड़क के एक तरफ जमीन मिल जाए. ऐसा होगा तो उनके लिए अच्छा रहेगा. चकबंदी करने के बाद किसानों को रास्ता प्रदान करने की व्यवस्था भी की जा सकेगी.
दरअसल, हरियाणा में हाइवे और एक्सप्रेस-वे बनते वक्त काफी किसानों की जमीन दोनों तरफ आ गई है. जिससे उनमें आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. बैठक में भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधि सुरेश कौंथ, अमरजीत सिंह मोहड़ी, मनदीप सिंह नाथवान, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, कृषि विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा और लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अंकुर गुप्ता सहित कई लोग मौजूद रहे.
दरअसल, हरियाणा सरकार ने लैंड बैंक नीति नोटिफाई की हुई है. दावा है कि इससे जमीन बेचने वालों को उनकी जमीन का सही रेट मिलेगा और सरकार को विकास कार्यो के लिए आसानी से जमीन मिल जाएगी. कभी-कभी भूमि स्वामियों, विशेष रूप से विदेशों में रहने वाले लोगों को बाजार में मंदी या महामारी, बिचौलियों के दबाव या विभिन्न कारणों से अपनी भूमि की बिक्री मजबूरन करनी पड़ती है. लैंड बैंक विभागों, भूमि मालिकों, किसानों और राज्य सरकार के लिए फायदे की स्थिति की पेशकश करेगा. जहां किसान प्रतिस्पर्धी मूल्य पर भूमि बेचने में सक्षम होगा.
ऑफर लेने के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होता है. जिसमें उन्हें मोलभाव करने लायक मूल्य सहित भूमि का पूरा विवरण देना होता है. ऑनलाइन आवेदन जमा करते समय आवेदक को संबंधित लैंड रिकॉर्ड संलग्न करना होता है. लैंड बैंक समिति से मंजूरी मिलने पर भूमि खरीद को अंतिम रूप दिया जाता है. लैंड बैंक विभागों को आवश्यक सेवाओं, जिसमें जलघर, बिजली सब-स्टेशन, कॉलेज, विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज, अस्पताल एवं पॉलिटेक्निक आदि की स्थापना के लिए सरकार को जमीन देता है.
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