21 दिन में 12 लाख आवेदन, 2 करोड़ से अधिक जमाबंदी वितरित, अब 11 दिन में लक्ष्य हासिल करने की चुनौती!

21 दिन में 12 लाख आवेदन, 2 करोड़ से अधिक जमाबंदी वितरित, अब 11 दिन में लक्ष्य हासिल करने की चुनौती!

Bihar rajaswa bhumi sudhar: राजस्व महाअभियान के तहत 2 करोड़ 80 लाख 19 हजार 394 जमाबंदी की प्रति का किया गया वितरण, जबकि अभी तक 12 लाख ही आवेदन शिविर में हुए जमा. जमाबंदी कागज के वितरण में जहानाबाद आगे तो आवेदनों में औरंगाबाद.

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Bihar rajaswa bhumi sudhar: 21 दिन में 12 लाख आवेदन, 2 करोड़ से अधिक जमाबंदी वितरितबिहार राजस्व भूमि सुधार

कई पीढ़ियों से बिहार के रैयतों की भूमि से जुड़ी त्रुटि, उत्तराधिकार नामांतरण सहित अन्य सुधारों को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से राजस्व महाअभियान चलाया जा रहा है. इसके सुधार को लेकर इन दिनों लोगों की भीड़ शिविर से लेकर अंचल कार्यालयों में देखने को मिल रही है. वहीं, विभाग की ओर से 16 अगस्त से चलाए जा रहे राजस्व महाअभियान के तहत 19 अगस्त से 8 सितंबर के बीच सभी 38 जिलों में 7514 शिविर लगाए जा चुके हैं, जहां अभी तक कुल 12 लाख 902 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इनमें जमाबंदी से जुड़े आवेदनों की संख्या अधिक है. 

वहीं, विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार 24 दिनों में करीब 2 करोड़ से अधिक जमाबंदी पंजी प्रति लोगों के बीच वितरण किए जा चुके हैं. लेकिन उसकी तुलना में आवेदन प्राप्त होने का अनुपात बहुत कम है. 

अब तक 12 लाख ही आवेदन शिविर में हुए जमा

राजस्व महाअभियान के तहत 19 अगस्त से 8 सितंबर के बीच राज्यभर में आयोजित सभी शिविरों से कुल 12 लाख 902 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिनमें, जमाबंदी में सुधार के आवेदनों की संख्या सर्वाधिक 9 लाख 13 हजार 230 प्राप्त हुए हैं. जबकि ऑफलाइन जमाबंदी को ऑनलाइन करने के आवेदनों की संख्या 1 लाख 69 हजार 973, उत्तराधिकार नामांतरण के आवेदनों की संख्या 63 हजार 49 और बंटवारा नामांतरण के आवेदनों की संख्या 54 हजार 650 है. 

अगर विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो राजस्व महाअभियान को खत्म होने में करीब 11 दिन शेष हैं, जबकि विभाग की ओर से करीब 3 करोड़ 60 लाख जमाबंदियों की प्रति बांटी जानी है, जिसमें करीब 2 करोड़ से अधिक जमाबंदियों की प्रति रैयतों को दी जा चुकी है. लेकिन उसके अनुपात में शिविर में आवेदन प्राप्त होने का अनुपात करीब 5 प्रतिशत से भी कम है.

औरंगाबाद जिले से सबसे अधिक आवेदन हुए प्राप्त

राजस्व महाअभियान कार्यक्रम को शुरू हुए करीब 21 दिन बीत चुके हैं. इस दौरान सर्वाधिक आवेदन औरंगाबाद जिले से विभाग को प्राप्त हुए हैं. यहां आवेदनों की कुल संख्या करीब 90 हजार 188 के आसपास है. जबकि दूसरे नंबर पर 88 हजार 900 आवेदन अररिया जिले द्वारा किया गया है. तीसरे नंबर पर पटना जिला शामिल है, यहां आवेदनों की संख्या 70 हजार 794 है. इसके साथ ही गया, मधुबनी, सुपौल, दरभंगा, नालंदा, गोपालगंज और समस्तीपुर जिले आवेदन आने के मामले में टॉप टेन में शामिल हैं, जबकि शेष जिलों में भी आवेदन आने की संख्या संतोषजनक है.

जमाबंदी वितरण में जहानाबाद सबसे आगे

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 16 अगस्त से 8 सितंबर की अवधि के बीच पूरे राज्य में राजस्व महाअभियान के तहत कुल जमाबंदी की संख्या 3 करोड़ 60 लाख की तुलना में 2 करोड़ 80 लाख 19 हजार 394 जमाबंदी की प्रति का वितरण किया जा चुका है. जो करीब 77.86 प्रतिशत के आसपास है. वहीं, इनमें जहानाबाद (92.40%), सीतामढ़ी (91.96%) और शिवहर (90.91%) जमाबंदी पंजी के वितरण के मामले में शीर्ष तीन स्थानों पर हैं. इनके अलावा मुजफ्फरपुर (90.52%), कैमूर (89.23%), खगड़िया (88.59%), अररिया (88.55%), बक्सर (86.95%), वैशाली (86.83%) और मधेपुरा (86.24%) ने भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है.

इसी क्रम में गोपालगंज (84.48%), सारण (82.76%), सिवान (82.61%), औरंगाबाद (81.98%), अरवल (81.86%), सुपौल (81.83%), शेखपुरा (80.73%), भोजपुर (80.48%), पूर्णिया (79.75%) और भागलपुर (79.48%) भी शीर्ष 20 जिलों में शामिल हैं. जबकि बेगूसराय, गया, कटिहार, सहरसा, समस्तीपुर, मुंगेर, नालंदा, बांका समेत अन्य जिलों में भी जमाबंदी की प्रति वितरण की स्थिति संतोषजनक है.

15 सितंबर तक सभी जमाबंदी बांटने का आदेश

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि राजस्व महाअभियान का लक्ष्य है कि 15 सितंबर तक राज्य के सभी पात्र परिवारों को उनसे संबंधित जमाबंदी पंजी की प्रति उपलब्ध करा दी जाए. इसके लिए अंचल के माइक्रो प्लान के हिसाब से काम कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि शिविर में आने वाले सभी रैयतों के आवेदन स्वीकार किए जाएंगे. किसी भी परिस्थिति में आवेदनों को शिविर में अस्वीकार नहीं करना है. बता दें कि इस राजस्व महाअभियान के तहत जमाबंदी पंजी की गलतियों में सुधार, छूटी हुई जमाबंदी को ऑनलाइन करना, उत्तराधिकार नामांतरण और बंटवारा नामांतरण का काम किया जा रहा है.

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