Wheat Price: गेहूं का दाम कंट्रोल करने के ल‍िए सरकार का बड़ा फैसला, मार्च 2024 तक जारी रहेगी यह स्कीम

Wheat Price: गेहूं का दाम कंट्रोल करने के ल‍िए सरकार का बड़ा फैसला, मार्च 2024 तक जारी रहेगी यह स्कीम

केंद्र सरकार भारतीय खाद्य न‍िगम (FCI) के जर‍िए ओएमएसएस के तहत आम उपभोक्ताओं को सस्ता गेहूं नहीं बेचती. सस्ता गेहूं म‍िलता है बड़े म‍िलर्स और कुछ सरकारी एजेंस‍ियों को. जान‍िए खुले बाजार में क‍ितना है गेहूं का दाम और क‍िस गुणवत्ता का गेहूं म‍िलर्स को क‍िस भाव बेच रही सरकार? 

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Wheat Price: गेहूं का दाम कंट्रोल करने के ल‍िए सरकार का बड़ा फैसला, मार्च 2024 तक जारी रहेगी यह स्कीम जान‍िए क्या है ओपन मार्केट सेल स्कीम?

केंद्र सरकार ने गेहूं के दाम को कंट्रोल में रखने के ल‍िए बड़ा फैसला ल‍िया है. इसके ल‍िए ओपन मार्केट सेल स्कीम, डोमेस्ट‍िक (ओएमएसएस-डी) के तहत बाजार के मुकाबले काफी र‍ियायती दर पर गेहूं की बिक्री 31 मार्च 2024 तक जारी रहेगी. तब तक इस योजना के तहत 101.5 लाख मीट्रिक टन गेहूं बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा. इसका मतलब यह है क‍ि अगले साल आने वाली गेहूं की नई फसल का दाम भी सरकार बढ़ने नहीं देना नहीं चाहती. हालांक‍ि, इस स्कीम से क‍िसानों को पहले भी बड़ा नुकसान हुआ है और अगले साल भी होगा. क्योंक‍ि जब सरकार खुद बाजार रेट से काफी सस्ते दर पर गेहूं बेचेगी तो फ‍िर क‍िसानों को कौन अच्छा दाम देगा. 

उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अध‍िकार‍ियों ने बताया क‍ि व्यापारियों को ओएमएसएस (डी) के तहत गेहूं बिक्री के दायरे से बाहर रखा गया है. व्यापार‍ियों और थोक विक्रेताओं के लिए पहले से लगी गेहूं की 3000 मीट्रिक टन की स्टॉक ल‍िम‍िट को घटाकर अब 2000 मीट्रिक टन कर द‍िया गया है. इसकी बारीकी से निगरानी हो रही है. स्टॉक की जमाखोरी से बचने के लिए 31 अक्टूबर तक देश भर में 1721 औचक जांच की गई है. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश में गेहूं की कोई बनावटी कमी पैदा न हो. सरकार ने कीमतों पर न‍ियंत्रण की मंशा से ही 13 मई 2022 से गेहूं एक्सपोर्ट पर रोक लगाई हुई है. 

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सस्ता गेहूं क‍िसे बेचती है सरकार?

केंद्र सरकार भारतीय खाद्य न‍िगम (FCI) के जर‍िए ओएमएसएस के तहत आम उपभोक्ताओं को सस्ता गेहूं नहीं बेचती है. सस्ता गेहूं म‍िलता है बड़े म‍िलर्स और कुछ सरकारी एजेंस‍ियों को. इस साल गेहूं का दाम जब बढ़ने लगा तो सरकार ने 25 जनवरी को ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत र‍ियायती रेट पर गेहूं बेचने का एलान क‍िया गया था. एक फरवरी से 15 मार्च तक 33 लाख टन गेहूं बेचा गया. उसके बाद केंद्रीय पूल भंडार से 12 जून को 15 लाख टन गेहूं की बिक्री करने का एलान क‍िया गया. उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने फ‍िर 9 अगस्त को 50 लाख टन गेहूं बेचने का एलान क‍िया. 

कीमतों को कंट्रोल करने की कोश‍िश

मंत्रालय के अनुसार एक नवंबर 2023 को ओएमएसएस के तहत वर्ष 2023-24 की 19वीं ई-नीलामी आयोजित की गई. एक नवंबर को हुई ई-नीलामी में 2389 बोलीदाताओं को 2.87 लाख मीट्रिक टन गेहूं बेचा गया. चावल, गेहूं और आटे की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए बाजार हस्तक्षेप करने की भारत सरकार की पहल के एक हिस्से के रूप में, गेहूं और चावल दोनों की साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित की जा रही है. खुले बाजार में गेहूं की उपलब्धता बढ़ाने के लिए, गेहूं की साप्ताहिक पेशकश की मात्रा को बढ़ाकर 3 लाख मीट्रिक तक अधिकतम किया गया है.

म‍िलर्स को क‍ितना सस्ता द‍िया जा रहा गेहूं

एफएक्यू गेहूं के लिए औसत ब‍िक्री मूल्य 2291.15 रुपये प्रति क्विंटल था. जबकि आरक्षित मूल्य 2150 रुपए प्रति क्विंटल था. एफएक्यू गेहूं का मतलब (उचित और औसत गुणवत्ता का गेहूं). जो सभी विशिष्टताओं को पूरा करता है. इसमें चमक होती है. दूसरी ओर यूआरएस गेहूं (अंडर रिलैक्स्ड स्पेसिफिकेशंस) का औसत बिक्री मूल्य 2311.62 रुपये प्रति क्विंटल था, जबकि इसका आरक्षित मूल्य 2125 रुपये प्रति क्विंटल था. हालांक‍ि, उपभोक्ता मामले व‍िभाग के प्राइस मॉन‍िटर‍िंग ड‍िवीजन के अनुसार 2 नवंबर को देश में गेहूं का औसत दाम 30.58, अध‍िकतम भाव 58 रुपये और मॉडल प्राइस 28 रुपये प्रत‍ि क‍िलो था. 

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