भारत आटा के लिए गेहूं पर सरकार ने सब्सिडी को मंजूरी दी, अब क्या Bharat Atta और सस्ता होगा?

भारत आटा के लिए गेहूं पर सरकार ने सब्सिडी को मंजूरी दी, अब क्या Bharat Atta और सस्ता होगा?

सहकारी समितियों को सस्ती दर पर आटा उपलब्ध कराने के लिए दिए जाने वाले गेहूं के दाम पर केंद्र सरकार ने सब्सिडी को मंजूरी दे दी है. इससे गेहूं को भारत आटा में प्रॉसेस करने वाली सहकारी समितियों का मार्जिन बढ़ने की उम्मीद है.

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भारत आटा के लिए गेहूं पर सरकार ने सब्सिडी को मंजूरी दी, अब क्या Bharat Atta और सस्ता होगा?भारत आटा के लिए गेहूं पर सरकार ने सब्सिडी को मंजूरी दी.

केंद्र सरकार ने सहकारी समितियों को सस्ती दर पर आटा उपलब्ध कराने के लिए दिए जाने वाले गेहूं के दाम पर सब्सिडी को मंजूरी दे दी है. इससे पहले सरकार ने भारत आटा की कीमत में प्रति किलो 2 रुपये से ज्यादा की सब्सिडी दी थी. अब ताजा सब्सिडी के बाद गेहूं को भारत आटा में प्रॉसेस करने वाली सहकारी समितियों का मार्जिन बढ़ेगा. अनुमान है कि समितियों का भारत आटा पर यह मार्जिन करीब 10 रुपये प्रति किलो तक हो सकता है. हालांकि, भारत आटा की कीमत घटने की संभावनाओं पर काले बादल हैं, क्योंकि इसको लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया गया है.

भारत आटा की खुदरा कीमत घटना संभव नहीं  

सरकार ने 435 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी वहन करने पर सहमति देकर नेफेड, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार जैसी सहकारी एजेंसियों को आपूर्ति किए जाने वाले गेहूं की लागत 2,150 रुपये प्रति क्विंटल से घटाकर 1,715 रुपये प्रति क्विंटल कर दी है. हालांकि, भारतीय खाद्य निगम (FCI) की ओर से आपूर्ति किए गए गेहूं से प्रॉसेस कर बनने वाले भारत आटा की मौजूदा अधिकतम खुदरा कीमत (MRP) 27.50 रुपये प्रति किग्रा में कमी की जाएगी या नहीं, इस पर आदेश नहीं जारी हुआ है. 

सब्सिडी के बाद समितियों को गेहूं 1,715 रुपये में मिलेगा 

खाद्य मंत्रालय की ओर से एफसीआई को जारी एक आदेश में कहा गया है कि गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली मंत्रियों की समिति (COM) ने भारत आटा के लिए आवंटित गेहूं के आरक्षित मूल्य 2,150 रुपये प्रति क्विंटल पर 435  रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दे दी है. इसके बाद अब एफसीआई से केंद्रीय एजेंसियों को जारी गेहूं का मूल्य 1,715 रुपये हो गया है. 

प्रॉसेस आटा की लागत वसूल नहीं पा रही थीं समितियां 

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार सहकारी एजेंसियों ने गेहूं से आटा बनाने के लिए मार्जिन बढ़ाने की मांग की थी, क्योंकि वे एफसीआई डिपो से अनाज लाते समय लागत नहीं निकाल पा रही थीं और आटा को देशभर में लोगों तक समान कीमत पर ले जाना संभव नहीं हो पा रहा था. रिपोर्ट के अनुसार सरकार भारत आटा की एमआरपी भी नहीं बढ़ा सकी, बल्कि भारत आटा की कीमत घटाकार 29.50 रुपये प्रति किलो से 27.50 रुपये प्रति किलो कर दिया था. ऐसे में सहकारी समितियों को लागत वसूलने के लिए एकमात्र विकल्प गेहूं को सस्ती दर पर उपलब्ध कराना ही बचा था.

सरकार आटा, दाल, प्याज समेत कई वस्तुएं कम रेट पर बेच रही 

केंद्र सरकार लोगों को गेहूं और आटा सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराने के लिए बीते करीब 2 माह से समितियों के जरिए भारत आटा बिक्री की जा रही है. दिल्ली समेत देशभर में सहकारी समितियों के जरिए वैन के जरिए जगह-जगह और स्टोर्स के जरिए ऑफलाइन और ऑनलाइन सस्ती दर पर भारत आटा बिक्री कर रही है. जबकि, भारत दाल, भारत प्याज समेत अन्य खाद्य पदार्थ बिक्री की जा रही है. 

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