देश के गरीब वर्ग के लोगों को सस्ता इलाज और चिकत्सा सुविधा देने के लिए केंद्र सरकार आयुष्मान भारत पीएम जन आरोग्य योजना चला रही है. योजना के तहत पात्र व्यक्ति के परिवार को 5 लाख रुपये तक के इलाज खर्च की सुविधा मिलती है, यह एक तरह से स्वास्थ्य बीमा योजना है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार आयुष्मान योजना के तहत गरीब मरीजों के 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई है. जबकि, योजना के तहत रिकॉर्ड 30 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं.
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (ABPMJAY) के जरिए 2 जनवरी 2024 तक 30 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाने की बड़ी सफलता हासिल की है. वहीं, पिछले दो वित्तीय वर्षों के दौरान ही 16.7 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं. केंद्र की विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान 2.43 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं. वहीं, 17 सितंबर 2023 को लॉन्च हुए आयुष्मान भव अभियान के तहत 5.6 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं.
आयुष्मान योजना का लक्ष्य 12 करोड़ लाभार्थी परिवारों के मरीज को अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये प्रति वर्ष का स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करना है. इस स्वास्थ्य योजना के तहत कैंसर सर्जरी, डायलिसिस समेत कई जटिल बीमारियों का इलाज भी शामिल है. आज आयुष्मान कार्ड गरीब और वंचित परिवार को आश्वासन देता है कि उन्हें बीमारी के दोहरे बोझ और इलाज के दौरान होने वाले भारी खर्च के कुप्रभाव से बचाएगा.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार आयुष्मान भारत पीएम जन आरोग्य योजना के तहत 6.2 करोड़ से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती की सुविधा दी गई. इन लोगों पर 79,157 करोड़ रुपये से अधिक का इलाज का खर्च आया. यदि लाभार्थियों ने आयुष्मान भारत के दायरे से बाहर अपने दम पर समान उपचार का लाभ उठाया होता तो उपचार की कुल लागत लगभग 2 गुना से अधिक हो जाती. इस प्रकार आयुष्मान योजना के जरिए गरीबों और वंचित परिवारों के जेब खर्च से 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई.
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