किसानों का वित्तीय संकट दूर करने के प्रयासों के तहत सरकार कृषि लोन तक पहुंच आसान बना रही है. अब केंद्र सरकार ने कहा है कि 3 लाख रुपये तक के कृषि लोन पर सभी तरह के सर्विस चार्ज माफ होंगे. यह सुविधा किसान क्रेडिट कार्ड समेत अन्य तरह के फसल लोन पर लागू होगी. केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि सरकार किसानों तक ऋण की पहुंच को सुविधाजनक बनाने के लिए तेजी से कदम उठा रही है.
केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड ने बीते दिन सोमवार को लोकसभा में प्रश्न का लिखित उत्तर देते हुए कहा कि सरकार किसानों को कृषि गतिविधियों में वित्तीय मदद देने के लिए कई बदलाव कर रही है. उन्होंने बताया कि वित्तीय सेवाएं विभाग ने सभी बैंकों को छोटे एवं सीमांत किसानों की कठिनाई और वित्तीय संकट को ध्यान में रखते हुए तीन लाख रुपये तक के केसीसी लोन या फसल लोन के निपटारे, डॉक्यूमेंटेशन, सर्वे, खाता बही शुल्क समेत अन्य सभी तरह के सर्विस चार्ज माफ करने को कहा है.
केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने गारंटी मुक्त कृषि लोन की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर 1.6 लाख रुपये कर दिया है. इसके अलावा बैंकों और वित्तीय संस्थानों को सलाह दी है कि वे अपनी लोन एसेसमेंट प्रॉसेस, लोन पॉलिसी में एक या अधिक क्रेडिट सूचना कंपनियों (CIC) से क्रेडिट सूचना रिपोर्ट (CIR) हासिल करने के लिए सही प्रावधानों का समावेश करें ताकि व्यवस्था में उपलब्ध जानकारी के आधार पर लोन संबंधी सही निर्णय हो सकें.
किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना विभिन्न श्रेणी के किसानों के लिए लोन तक आसान पहुंच पक्का करती है, जिसमें किसान, काश्तकार, बटाईदार आदि शामिल हैं. केसीसी योजना के तहत रूपे डेबिट कार्ड जारी किया जाता है. केसीसी अपने आप में ओवरड्राफ्ट सुविधा है, जिससे स्वीकृत सीमा तक रूपे डेबिट कार्ड के जरिए रकम निकाली जा सकती है. अब फसल लोन का एसेसमेंट भूमि क्षेत्र और उगाई गई फसलों के आधार किया जाता है. खराब मौसम आदि के कारण मौजूदा केसीसी लोन के नए सिरे से व्यवस्थित करने के बाद राज्य सरकार या बैंकों के निर्णय के तहत किसानों को बैंक के पात्रता मानक के अनुसार जरूरत के हिसाब से लोन लेने की अनुमति है.
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