छत्तीसगढ़ में पर्याप्त औसत बारिश को देखते हुए सरकार किसानों को मछली पालन के लिए प्रोत्साहित कर रही है. अन्य राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ में किसानों को खेत में ही तालाब बनाने से लेकर मछली पालन करने तक, विभिन्न कार्यों के लिए अनुदान दिया जाता है. इससे किसानों को Irrigation Requirement को पूरा करने के अलावा तालाब में मछली पालन कर Extra Income के स्रोत के रूप में दोहरा लाभ होता है. इस वजह से छत्तीसगढ़ के किसानों में केंद्र सरकार द्वारा संचालित 'पीएम मत्स्य संपदा योजना' लोकप्रिय हो रही है. इससे न केवल किसानों की आय में इजाफा हो रहा है, बल्कि Water Conservation होने से पर्यावरण संतुलन में भी मदद मिल रही है.
Rural Economy को मजबूती प्रदान कर रही लखपति दीदियों की इन दिनो पूरे देश में खूब चर्चा हो रही है. ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए ड्रोन दीदी से लेकर लखपति दीदी योजना तक, सरकार की तमाम योजनाएं चल रही हैं.
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राज्य की विष्णुदेव साय सरकार ने जशपुर के किसान जनक राम को मछली पालन से लखपति बनने वाले किसान के रूप में पेश किया है. सरकार की ओर से दी गई जानकारी में दावा किया गया है कि यादव ने महज आधा हेक्टेयर खेत में तालाब बनवाकर मछली पालन करना शुरू किया.
इसके पहले ही साल में उन्होंने 7 लाख रुपये की कमाई करके अन्य किसानों को भी पशुपालन करने के लिए प्रोत्साहित किया है. राज्य सरकार जनक राम का उदाहरण देकर राज्य के अन्य किसानों को भी Government Schemes का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. राज्य में मछली पालन को जलीय खेती का नाम दिया गया है.
साय सरकार की ओर से बताया गया कि इसी कड़ी में जशपुर जिले के बगीचा विकासखण्ड में भितघरा गांव के रहने वाले जनक राम यादव एक साल पहले ही प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लाभार्थी बने. मछली पालन करने के मकसद से उन्होंने वर्ष 2023-24 में पीएम मत्स्य संपदा योजना के तहत अपनी खेती की जमीन में 0.5 हेक्टेयर रकबे पर तालाब बनवाया.
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इस तालाब में मत्स्य पालन करने के लिए उन्हें मछली का बीज, दाना और दवा आदि संसाधन जुटाने के लिए 1 लाख 40 हजार रुपये अनुदान राशि के रूप में मत्स्य पालन विभाग से मिले. जनक राम ने बताया कि मछली का बीज डालने के बाद महज तीन महीने के भीतर वह परिपक्व मछली को बेचने की स्थिति में आ गए.
उन्होंने बताया कि मत्स्य पालन विभाग के विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में मछली पालन करने पर उन्हें बेहतर उत्पादन मिल रहा है. आधा हेक्टेयर के तालाब से उन्हें मछली बेचने पर हर महीने 50 से 60 हजार रुपये का Net Profit हो जाता है. इससे उनकी पिछले एक साल में लगभग 7 लाख रुपये की आमदनी हुई.
उन्होंने कहा कि अब गांव के अन्य किसान भी मछली पालन के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं. सरकार की मत्स्य पालन योजना की मदद से लघु एवं सीमांत किसान भी अपनी अनुपयुक्त जमीन पर तालाब बनाकर मछली पालन करवा सकते हैं.
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