Tarbandi Yojana 2023: खड़ी फसलों को मौसम से लेकर कीड़ों, खरपतवारों और जंगली जानवरों का खतरा है. ऐसे में किसान फसल खराब होने को लेकर चिंतित रहते हैं. खासकर फसलों पर जंगली जानवरों का खतरा हमेशा बना रहता है, जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. जब तक फसल सुरक्षित बाजार नहीं पहुंचती, तब तक फसलों पर खतरा मंडराता रहता है. इसी को देखते हुए राजस्थान सरकार ने किसानों के लिए बाड़ लगाने की योजना शुरू की है. जिसे तारबंदी योजना (Tarbandi Yojana) के नाम से जाना जाता है. जिसकी मदद से किसान फसलों को जंगली जानवरों से बचा सकते हैं. आइए जानते हैं क्या है राजस्थान सरकार की तारबंदी योजना और कैसे किसान इसका लाभ उठा सकते हैं:
फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए तारबंदी योजना (Tarbandi Yojana) शुरू की गई है. इस योजना का लाभ उठाकर किसान अपने खेतों को जंगली जानवरों से बचा सकते हैं. देश में कई ऐसे किसान हैं जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. ऐसे में इस योजना की मदद से वे अपने खेतों को जंगली जानवरों से बचा सकते हैं. खेतों में कंटीले तार लगाने के लिए सरकार आर्थिक मदद कर रही है. सीमांत किसानों को बाड़ लगाने के लिए सरकार द्वारा एक निश्चित राशि दी जा रही है. यह राशि सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर की जाती है. राजस्थान सरकार द्वारा यह सुविधा राजस्थान के किसानों को दी जा रही है.
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यह योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन तिलहन के अंतर्गत आती है. इतना ही नहीं किसानों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा फरवरी 2023 के बजट घोषणा में किसानों को बाड़ लगाने पर 70% तक सब्सिडी देने का वादा किया गया है. जो पहले 50% से 60% था. अनुदान राशि में अधिकतम 40000 से 48000 रुपये थी जिसे अब बढ़ा दिया गया है.
तारबंदी योजना (Tarbandi Yojana) का लाभ उठाने के लिए जरूरी है कि किसानों के पास ये सभी दस्तावेज हों. ऐसे में किन दस्तावेजों कि जरूरत है आइए जानते हैं.
• खेत की नवीनतम जमा बंदी
• नक्शा
• आधार कार्ड
• जनाधारकार्ड
• बैंक पासबुक
• पासपोर्ट साइज का रंगीन फोटो
• सहमति देने वाले किसानों के शपथ पत्र
• पटवारी द्वारा राजस्व विभाग का प्रमाण पत्र
इस योजना का लाभ लेने के लिए कम से कम तीन किसानों का समूह होना जरूरी है. तभी आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. अगर इससे कम होता है तो आपको इस योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों के समूह के पास 3 हेक्टेयर यानी 12 बीघा जमीन होना अनिवार्य है. बाड़ में किसान बिजली कनेक्शन नहीं प्रवाहित कर सकते हैं. यह एक दंडनीय अपराध है.
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