राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यूपी की योगी सरकार द्वारा लखनऊ में आयोजित तीन दिवसीय 'ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट' (GIS 23) का कल समापन करते हुए कृषि और किसान कल्याण की दिशा में राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना भी की. राष्ट्रपति ने जीआईएस23 के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यूपी में कृषि उपज के साथ डेयरी, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण सहित अन्य क्षेत्रों में होने वाले निवेश से समूचे कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलेगी. इससे उत्तर प्रदेश ही नहीं, समूचे देश की प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा.
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा, ''उत्तर प्रदेश की धरती अन्नपूर्णा है. यहां के किसान भाई बहन हमारे अन्नदाता हैं.'' उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा कि गेहूं सहित अन्य खाद्यान्नों के उत्पादन में यूपी, देश में पहले स्थान पर है. गन्ना और आलू के उत्पादन में भी यूपी का देश में प्रथम स्थान है. आम और मटर के उत्पादन में भी यूपी का योगदान देश में सबसे अधिक है. इसी प्रकार दूध के उत्पादन में भी यूपी भारत में सबसे आगे है. उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट है कि यूपी देश की खाद्यान्न जरूरतों की पूर्ति में अग्रणी भूमिका निभाता है.
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि कृषि उत्पादों के उत्पादन में समृद्ध होने के कारण, यूपी में कृषि आधारित उद्योगों के लिए बहुत अधिक संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा, ''मुझे बताया गया है कि कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण की यूपी में संभावनाओं पर विचार विमर्श के लिए इस समिट में अलग से सेमिनार आयोजित किया गया. हाल ही में यूपी सरकार द्वारा लागू की गई 'फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी 2023' की सहायता से खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को विशेष रूप से प्रोत्साहन दिया गया है.'' राष्ट्रपति ने कहा कि इस समिट में डेयरी और पशुपालन से जुड़े विषयों पर भी विशेष सत्र आयोजित करने की सराहनीय पहल की गई है.
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि वे स्वयं एक किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं, इसलिए उन्हें पशुपालन के महत्व का व्यापक अनुभव है. इस आधार पर वह यूपी की आथर्कि उन्नति के लिए कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के उपायों को सही दिशा में किया जा रहा काम मानती हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन देने की दिशा में यह समिट कारगर कदम साबित होगी. इस प्रयास के लिए उन्होंने यूपी की राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित उनकी पूरी टीम की सराहना की.
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राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत की पहल पर दुनिया भर में साल 2023 को 'इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स' के रूप में घोषित किया गया है. उन्होंने यूपी में मिलेट्स के प्रोत्साहन पर जोर देने के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि मिलेट्स की प्राथमिकता के अनुरूप यूपी सरकार द्वारा मांग और आपूर्ति, दोनों पक्षों के लिहाज से मिलेट्स को भरपूर प्रोत्साहन दिया जा रहा है.
राष्ट्रपति मुर्मू ने यूपी की मौजूदा योगी सरकार को ठोस और कारगर फैसले करने वाली सरकार बताया. उन्होंने कहा, ''इस समय यूपी में निर्णय लेने वाली स्थिर सरकार कार्यरत है. राजनीतिक परिवेश की स्थिरता और प्रशासन की निरंतरता, निवेशकों के लिए बहुत सहयोगी सिद्ध होती है.'' राष्ट्रपति ने कहा कि राज्य में निवेश की प्रक्रिया को सरल बनाने के प्रयास किए गए हैं, इसके भविष्य में अच्छे परिणाम मिलेंगे.
राष्ट्रपति ने कहा कि इस समिट के माध्यम से राज्य में 35 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव मिले हैं. इससे नौ लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे. इसी प्रकार यूपी में एमएसएमई की संख्या 95 लाख है. यह देश में सर्वाधिक है. उन्होंने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र, अर्थव्यवस्था की मेरुदंड होता है. एमएसएमई सेक्टर कृषि क्षेत्र के बाद सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर भी पैदा करता है. उन्होंने कहा, ''मुझे विश्वास है कि यूपी का एमएसएमई सेक्टर लोगों को रोजगार देते हुए भारत के विकास में प्रमुख भूमिका निभाएगा.''
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इस अवसर पर यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक सहित राज्य सरकार के मंत्री और देश दुनिया से जुटे निवेशक भी मौजूद थे.
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यूपी का ओडीओपी आज दुनिया भर में जाना जा रहा है. यूपी दुनिया का सबसे बड़ा श्रम बाजार बना है. इसकी बदौलत योग्य और स्किल्ड युवा, यहां की पहचान हैं. योगी ने कहा कि यूपी सरकार की '25 सेक्टोरियल नीति' के तहत उद्यमी यहां निवेश के लिए आकर्षित हो रहे हैं. यूपी में निवेश के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू की गई है. ये इसकी सफलता का कारण है.
उन्होंने बताया कि समिट के माध्यम से यूपी को 33 लाख 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. यूपी में इतनी भारी मात्रा में पहली बार निवेश होगा. इस निवेश के माध्यम से प्रदेश के 93 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे. योगी ने कहा कि पहले यूपी में निवेश का मतलब होता था सिर्फ एनसीआर में निवेश,लेकिन आज निवेश प्रदेश के सभी 75 जिलों में हुए हैं. कभी पूर्वांचल विकास से अनभिज्ञ था,लेकिन पूर्वांचल में 9 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्रस्ताव आया है.
योगी ने निवेशकों को विश्वास दिलाया कि ये समिट यूपी को नए भारत के विकसित प्रदेश के रूप में स्थापित करेगी. उन्होंने कहा, ''मैं दुनिया भर से आए सभी निवेशकों और कंट्री पार्टनर्स को भरोसा देता हूं कि आपके विश्वास पर उत्तर प्रदेश खरा उतरेगा.''
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