मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान के जल संकट को समाप्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है. इसके लिए राम जल सेतु परियोजना शुरू की जा रही है. इस परियोजना से राज्य के 3.25 करोड़ लोगों को पानी की स्थायी आपूर्ति मिलेगी और यह जल परियोजना राजस्थान को जल संकट से मुक्त करने में अहम भूमिका निभाएगी. राजस्थान में पानी का संकट गंभीर है जिसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है.
राजस्थान लंबे समय से पानी की कमी से जूझता रहा है. जिससे न केवल आम जनजीवन प्रभावित होता है बल्कि कृषि, पशुपालन और उद्योगों पर भी असर पड़ता है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस गंभीर समस्या को प्राथमिकता दी और राम जल सेतु परियोजना को तेजी से लागू करने का संकल्प लिया. इस योजना के तहत राज्य को 4102 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) पानी मिलेगा, जिससे जल आपूर्ति की स्थिति में क्रांतिकारी बदलाव आएगा.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा, "राजस्थान की जनता को जल संकट से मुक्ति दिलाना हमारी प्राथमिकता है. यह परियोजना सिर्फ पानी की आपूर्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राज्य के विकास का आधार भी बनेगी." उनकी सरकार जल संरक्षण और जल प्रबंधन को लेकर गंभीर है और यह परियोजना इस दिशा में एक मजबूत कदम है.
परियोजना के तहत जल संरक्षण और जल आपूर्ति को मजबूत करने के लिए राजस्थान में कई बैराज, बांध और कृत्रिम जलाशय बनाए जाएंगे. इससे आम लोगों के अलावा खेती-बाड़ी में लगे किसानों को भी फायदा होगा.
बैराज: रामगढ़ (कूल नदी), महलपुर (पार्बती), नवनेरा (कालीसिंध), मेज (मेज) और नीमोद राठौड़ (बनास) पर नए बैराज बनाए जाएंगे.
कृत्रिम जलाशय: अजमेर और अलवर में कृत्रिम जलाशय विकसित होंगे.
बांध निर्माण: ईसरदा और डूंगरी में नए बांधों का निर्माण होगा.
बीसलपुर बांध: जल संग्रहण क्षमता 0.50 मीटर बढ़ाई जाएगी.
राम जल सेतु परियोजना केवल एक जल आपूर्ति योजना नहीं, बल्कि राज्य की प्रगति का प्रतीक है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की इस पहल से राजस्थान को जल संकट से स्थायी राहत मिलेगी और राज्य के लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा.
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