राजस्थान सरकार की ओर से शुरू किए गए मिशन-2030 के विजन डॉक्यूमेंट के लिए कृषि विभाग इससे जुड़े स्टेक होल्डर्स की वर्कशॉप का ऑरिएंटेशन कार्यक्रम शुरू किया है. शनिवार को कृषि पंत भवन में कृषि, उद्यानिकी और विपणन विभाग की ओर से राज्य स्तरीय ऑरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें वीसी के माध्यम से संभाग, जिला, ब्लाक और ग्राम स्तर तक के कार्मिकों और हितधारक शामिल हुए.
ऑरिएंटेशन वर्कशॉप को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि राजस्थान को अग्रणी राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने विजन दस्तावेज 2030 तैयार करने का निर्णय लिया है. राजस्थान मिशन 2030 के तहत कृषक एवं कृषि के विकास के लिए कृषि से जुड़े हितधहितधारकों से सुझाव लिए जा रहे हैं.
इस ऑरिएंटेशन प्रोग्राम में वीसी के दौरान विभिन्न वीडियो के माध्यम से राजस्थान मिशन 2030, कृषि विभाग की उपलब्धियां, ऑनलाइन सुझाव भेजने की प्रक्रिया, जनकल्याण मोबाइल एप के माध्यम से फेस टू फेस सर्वे की प्रक्रिया के बारे में बताया गया. वीसी में 25 हज़ार से अधिक सदस्य जिला ब्लॉक, जीएसएस, यूट्यूब, वैबेक्स सहित अन्य माध्यम से जुड़े.
मंत्री कटारिया ने जानकारी देते हुए कहा कि कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पिछले चार साल में 42 नए कृषि महाविद्यालय खोले गए हैं. इस वर्ष भी एक उद्यानिकी महाविद्यालय एवं सात नए कृषि महाविद्यालय खोले जा रहे हैं. इससे प्रदेश का युवा वर्ग कृषि की शिक्षा लेकर उन्नत तकनीकी से खेती कर सकेंगे.
कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 15 अगस्त को राजस्थान मिशन-2030 की घोषणा की थी. उन्होंने कहा कि विजन डॉक्यूमेंट बनाने के लिए सर्वे फॉर्म सभी को भेज दिए हैं. इन्हें भरकर भिजवाएं ताकि नीति निर्धारण में सभी की भूमिका हो सके. साथ ही सरकार से जुड़े लोग राजस्थान मिशन-2030 के बारे में जानकारी पहुंचाएं.
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वहीं, सभी स्टेक होल्डर्स विजन डॉक्यूमेंट के लिए अपने सुझाव दें ताकि इन्हें विजन दस्तावेज 2030 में शामिल किया जाए. इन्हीं सुझावों से नीतिगत निर्णय लेकर कृषि उत्पादन एवं किसानों की आय में बढ़ोतरी की जा सकेगी.
बैठक में वीसी के जरिए जुड़े कृषि विपणन मंत्री मुरारी लाल मीणा ने कहा कि किसानों के विकास में विजन 2030 महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. किसानों को आय बढ़ाने के लिए कृषि के साथ-साथ प्रसंस्करण इकाइयां भी लगनी चाहिए. इसी उद्देश्य से राज्य सरकार ने राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 बनाई है.
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इसमें किसानों द्वारा उद्योग लगाने पर लागत मूल्य का 75% या अधिकतम 1.50 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है. मीणा ने कहा कि 2030 में कृषि क्षेत्र को आप कहां तक देखना चाह रहे हैं, इसके लिए अपने-अपने सुझाव दें. इन्हीं सुझावों से विजन-2030 का डॉक्यूमेंट तैयार किया जाएगा.
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