राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने जन्मदिन पर पशुपालकों को एक तोहफा दिया है. मुख्यमंत्री कामधेनू पशु बीमा योजना में अब गाय के साथ-साथ भैंस का भी बीमा हो सकेगा. इसके लिए राज्य सरकार ने घोषणा कर दी है. इससे पहले पशुपालक दो दुधारू गायों का ही बीमा करा सकते थे. प्रशासन गांव के संग अभियान के तहत प्रदेशभर में लगाए जा रहे महंगाई राहत कैंपों में पशुपालन इस योजना में अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. सरकार का दावा है कि इस योजना से असमय होने वाली पशुधन हानि से पशुपालकों को आर्थिक संबल मिलेगा. अब तक महंगाई राहत कैंपों के माध्यम से मुख्यमंत्री कामधेनू पशुबीमा योजना में 15 लाख रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं.
बता दें कि दुधारू पशुओं का बीमा करने वाला राजस्थान देश के कुछ चुनिंदा राज्यों में से एक है.
मुख्यमंत्री कामधेनू पशु बीमा योजना के तहत राजस्थान सरकार ही पशुओं के बीमा की प्रीमियम राशि भरेगी. इससे बढ़ती महंगाई से भी पशुपालकों को राहत मिलेगी. प्रदेश के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया का कहना है कि राजस्थान सरकार की यह योजना पशुबीमा के क्षेत्र में देश में मील का पत्थर साबित होने जा रही है.
इसीलिए हम सभी पशुपालकों से कह रहे हैं कि वे 24 अप्रैल से शुरू हुए महंगाई राहत कैंपों में जाकर अपने दुधारू पशुओं का बीमा कराएं. कटारिया ने कहा कि योजना में अब गायों के साथ-साथ भैंस को भी जोड़ दिया गया है. इससे पशुपालक निश्चिंत होकर पशुधन विकास और दूध उत्पादन में वृद्धि पर ध्यान दे सकेंगे. राजस्थान दूध उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है. हमें यह स्थान हमेशा बरकरार रखना है.
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राजस्थान में बीते 24 अप्रैल से गांव-गांव में महंगाई राहत कैंप लगाए जा रहे हैं. इन कैंपों में सरकार की 10 बड़ी योजनाओं का लाभ देने के लिए रजिस्ट्रेशन किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री कामधेनू पशुधन बीमा योजना में अब तक 15 लाख परिवारों ने रजिस्ट्रेशन कराया है.
वहीं, सभी 10 योजनाओं में 1.74 लाख से ज्यादा पंजीयन हो चुके हैं. इससे प्रदेश के 38 लाख से अधिक परिवार लाभांवित होंगे. सरकार 30 जून को रजिस्ट्रेशन के बाद जुलाई से सभी योजनाओं का लाभ देना शुरू कर देगी. पंजीयन के लिए पशुपालक को सिर्फ जनाधार कार्ड लेकर कैंप तक जाना है.
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