यूपी में 'श्री अन्न' को बढ़ावा देने के क्रम में योगी सरकार ने जायद सीजन में बोई जाने वाली दलहन और तिलहन के साथ किसानों को इस साल मोटे अनाजों के उन्नत बीज की किट मुहैया कराना शुरु किया है. इसका मकसद प्रदेश में इन फसलों का रकबा बढ़ाना है. जिससे मांग और आपूर्ति के संतुलन को कायम किया जा सके. वैसे भी भारत की पहल पर 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है. इसके मद्देनजर केंद्र सरकार के सहयोग से यूपी सहित अन्य राज्य सरकारें श्री अन्न की खेती को बढ़ावा दे रही हैं. इस क्रम में योगी सरकार ने किसानों के खेत और जन सामान्य के भोजन की थाली में श्री अन्न को ज्यादा जगह दिलाने के लिए राज्यव्यापी अभियान चलाया है. इसका नतीजा है कि जायद के मौजूदा सीजन में किसानों ने श्री अन्न सहित तिलहन और दलहनी फसलों की लक्ष्य से अधिक रकबे पर बुआई की है.
राज्य सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार योगी सरकार ने इस साल जायद सीजन में 2.56 लाख हेक्टेयर फसल आच्छादन का लक्ष्य रखा था. इसकी तुलना में किसानों ने 2.68 लाख हेक्टेयर में श्री अन्न सहित अन्य फसलों की बुआई की है. इसमें सबसे ज्यादा रकबा मक्के के खाते में गया है.
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सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार जायद सीजन की अन्य फसलों में दलहन वर्ग की उड़द और मूंग का रकबा लक्ष्य से 96.64 फीसदी ज्यादा आच्छादित हुआ. इस साल दलहन का रकबा 91 हजार हेक्टेयर के लक्ष्य से आगे जाकर 1.44 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है. इसके अलावा तिलहन वर्ग में मूंगफली की खेती की बोआई का रकबा भी लक्ष्य से 82.50 फीसद अधिक रहा.
गौरतलब है कि इसके पहले के सालों में जायद सीजन के दौरान प्रदेश में लगभग 45 हजार हेक्टेयर में उड़द और लगभग 47 हजार हेक्टेयर में मूंग का आच्छादन होता रहा है. इन दोनों की खेती का कुल रकबा 91 हजार हेक्टेयर था, जो इस सीजन में बढ़कर करीब 1.44 लाख हेक्टेयर हो गया है.
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यूपी में कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक आर के सिंह ने बताया कि मोटे अनाजों के प्रति किसान एवं जनसामान्य जागरूक हों, इसके लिए सरकार ने करीब 9 महीने पहले ही चरणबद्ध तरीके से जमीनी स्तर पर आक्रामक अभियान चलाने की मुकम्मल योजना तैयार कर ली थी. इस योजना के तहत किसानों को जायद में मोटे अनाजों एवं अन्य मौसमी फसलों के लिए कृषि विभाग द्वारा उनके एग्रो क्लाइमेटिक जोन की उपयोगिता के अनुसार उन्नत प्रजाति के बीजों के निशुल्क मिनीकिट भी दिये गये.
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत करीब डेढ़ लाख किसानों को उड़द, मूंग और रागी के बीजों के निशुल्क मिनीकिट बांटे गये. इस मद में सरकार ने करीब 7.43 करोड़ रुपये व्यय किए हैं. इसके तहत किसानों को उड़द एवं मूंग के 4 - 4 किग्रा बीज की मिनीकिट तथा मडुआ (रागी) के 3 किग्रा बीज की मिनीकिट दी गई. बीज वितरण का काम कृषि विभाग के राजकीय कृषि बीज भंडारों के माध्यम से कराया गया. उन्होंने कहा कि सरकार के इन्हीं प्रयासों की वजह से इन फसलों का रकबा बढ़ा है.
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