राजस्थान में बीते दो हफ्ते किसानों के लिए भारी गुजरे हैं. क्योंकि फसलें पकाव पर हैं और लगातार बारिश हो रही है. इस बारिश के कारण प्रदेश में लाखों हेक्टेयर फसल खराब हुई है. फसल खराबे पर पीएम फसल बीमा योजना के तहत बीमित फसलों के नुकसान की भरपाई का प्रावधान है. इसके लिए पीड़ित किसानों को 72 घंटे के भीतर संबंधित बीमा कंपनी को सूचना देनी होती है. वहीं, अगर किसी किसान की खेत या खलिहान में कटी हुई फसल भीग कर खराब हुई है. उसे भी बीमा योजना में कवर किया जाता है.
इसके लिए किसानों को 14 दिन के अंदर व्यक्तिगत आधार पर बीमा कवर मिलता है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बरसात से कटाई के बाद खेत में सुखाने के लिए रखी फसल खराब होने पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत नुकसान की भरपाई होती है. इसके लिए प्रभावित बीमित फसल के काश्तकार को 72 घण्टे के भीतर खराबे की सूचना सम्बन्धित बीमा कम्पनी को देनी होती है.
जालौर में कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. आर.बी.सिंह बताते हैं कि जालौर सहित पूरे राज्य में वर्षा के कारण खरीफ की फसलों में नुकसान हुआ है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत इस बारिश के कारण फसल कटाई के बाद खेत में सुखाने के लिए रखी फसल को 14 दिन के अंदर नुकसान होने पर व्यक्तिगत आधार पर बीमा मिलता है.
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इसके लिए किसान सूचना बीमा कम्पनी के टॉल फ्री नम्बर या क्रॉप इंश्योरेन्स एप के माध्यम से दी जा सकती है. इसके अलावा प्रभावित किसान जिले में कार्यरत बीमा कम्पनी, कृषि कार्यालय या सम्बन्धित बैंक को भी हानि प्रपत्र भरकर सूचना दे सकते हैं,
जालौर जिले के किसान रिलाइन्स जनरल इंश्योरेन्स कम्पनी के टॉल फ्री नम्बर 18001024088 पर फसल खराबे की सूचना दे सकते हैं.
सिंह बताते हैं कि प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना अंतर्गत फसल कटाई के बाद अगले 14 दिनों तक खेत में सुखाने के लिए रखी गई कटी हुई अधिसूचित फसल को चक्रवात , चक्रवाती वर्षा , बेमौसमी वर्षा , ओलावृष्टि से क्षति होने की स्थिति में बीमा कवर मिलता है.
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सीकर जिले के किसान बीमा कम्पनी के टोल फ्री नम्बर एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी ऑफ इण्डिया लि. 18004196116 दे सकते हैं. यदि 72 घण्टे में किसान द्वारा पूरी सूचना उपलब्ध नहीं करवाई जाती है तो वह काश्तकार सात दिन में निर्धारित प्रपत्र में सम्बन्धित बीमा कम्पनी को आवश्यक रूप से उपलब्ध करा सकता है. लेकिन इसकी भी 72 घंटे में सूचना देना जरूरी है.
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