3500 से अधिक किसानों को फसल बीमा से अयोग्य घोषित करने की मांग, गलत डेटा देने का है आरोप

3500 से अधिक किसानों को फसल बीमा से अयोग्य घोषित करने की मांग, गलत डेटा देने का है आरोप

अधिकारी ने कहा, "मौके पर जाकर किए गए निरीक्षण में हमने पाया कि 1,098 किसानों के आवेदनों में 805.48 हेक्टेयर भूमि पर कोई फल की फसल नहीं उगाई गई थी, जबकि दावा किया गया था. इसके अलावा, हमने यह भी पाया कि लगभग 2,500 किसानों ने 428 हेक्टेयर भूमि का मालिकाना हक दिखाते हुए गलत आंकड़े दिए थे, जबकि वास्तव में उनके पास भूमि थी ही नहीं."

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3500 से अधिक किसानों को फसल बीमा से अयोग्य घोषित करने की मांग, गलत डेटा देने का है आरोपफसल बीमा योजना

महाराष्ट्र के कृषि विभाग ने छत्रपति संभाजीनगर के 3,500 से अधिक किसानों को फसल बीमा योजना से अयोग्य घोषित करने की मांग की है. एक जांच में पाया गया कि ये सभी किसान पात्रता से अधिक लाभ पाने के लिए कथित तौर पर गलत डेटा दे रहे थे. अधिकारियों ने कहा कि निरीक्षण के दौरान किसानों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों में गड़बड़ पाई गईं. इसके बाद किसानों को फसल बीमा योजना से अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है.

जांच में यह पाया गया कि हालांकि कुछ किसान अपने खेतों में कोई बागवानी फसल नहीं उगा रहे थे, लेकिन उन्होंने ऐसी उपज के बीमा के लिए आवेदन किया था. साथ ही, यह भी पाया गया कि कुछ अन्य किसान बीमा कवर के तहत अधिक पैसा पाने के लिए खुद को वास्तविकता से अधिक जमीन का मालिक बता रहे थे.

फसल बीमा योजना का फायदा

फसल बीमा योजना का उद्देश्य अधिक बारिश जैसी खराब मौसमी परिस्थितियों के कारण फसल को होने वाले नुकसान से किसानों को बचाना है. इस योजना का उद्देश्य वित्तीय नुकसान की संभावना के कारण बीमित किसानों की कठिनाइयों को कम करना है. छत्रपति संभाजीनगर जिले के कृषि विभाग के एक आला अधिकारी ने मंगलवार को बताया, "मौके पर निरीक्षण के दौरान फसल बीमा योजना का लाभ उठाने में किसानों की ओर से अनियमितताएं पाई गईं. रबी सीजन के लिए हमें 8,910 हेक्टेयर भूमि पर फलों की फसलों के बीमा के लिए 13,286 किसानों से आवेदन प्राप्त हुए."

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उन्होंने कहा, "लेकिन मौके पर जाकर किए गए निरीक्षण में हमने पाया कि 1,098 किसानों के आवेदनों में 805.48 हेक्टेयर भूमि पर कोई फल की फसल नहीं उगाई गई थी, जबकि दावा किया गया था. इसके अलावा, हमने यह भी पाया कि लगभग 2,500 किसानों ने 428 हेक्टेयर भूमि का मालिकाना हक दिखाते हुए गलत आंकड़े दिए थे, जबकि वास्तव में उनके पास भूमि थी ही नहीं." अधिकारी ने बताया कि कृषि विभाग के स्थानीय कार्यालय ने ऐसे किसानों की सूची कृषि आयुक्त कार्यालय को भेजकर उन्हें फसल बीमा योजना से अयोग्य घोषित करने की मांग की है.

खरीफ फसल बीमा में गड़बड़

उन्होंने कहा कि खरीफ सीजन में बोई गई प्याज की फसल में भी ये गड़बड़ियां पाई गई हैं. अधिकारी ने कहा, "छत्रपति संभाजीनगर में प्याज की फसल के लिए कुल 11,770 हेक्टेयर भूमि फसल बीमा के तहत कवर की गई थी. लेकिन निरीक्षण के दौरान पाया गया कि 3152.18 हेक्टेयर भूमि पर प्याज की खेती नहीं की जा रही थी, लेकिन उसका बीमा किया गया था. इन किसानों की सूची भी अयोग्य घोषित करने के लिए भेजी गई है."(PTI)

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