NRLM बदल रहा MP की महिलाओं का जीवनस्‍तर, कई गुना बढ़ गई माया के परिवार की इनकम

NRLM बदल रहा MP की महिलाओं का जीवनस्‍तर, कई गुना बढ़ गई माया के परिवार की इनकम

मध्‍य प्रदेश के सागर जिले की रहने वाली माया विश्‍वकर्मा का जीवनस्‍तर अब बहुत सुधर गया है. पहले वह और उनके पति मजदरी किया करते थे, लेकिन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्‍वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद माया और उनके परिवार की बहुत तरक्की हुई है. अब वह किराना दुकान, मोबाइल रिपेयरिंग, फोटो कॉपी की दुकान चला रहीं हैं. साथ ही एक मैजि‍क सवारी वाहन भी खरीद लिया है.

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NRLM बदल रहा MP की महिलाओं का जीवनस्‍तर, कई गुना बढ़ गई माया के परिवार की इनकमराष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के स्‍वयं सहायता समूह से बदला माया विश्‍वकर्मा का जीवन.

मध्‍य प्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्‍यम से कई महिलाओं के साथ उनके परिवार का जीवन बदल रहा है. इस मिशन से जुड़ी एक ऐसी ही कहानी सागर जिले से सामने आई है, जहां स्‍वयं सहायता समूह से जुड़ीं माया विश्वकर्मा के परिवार के दिन संवर गए. माया साग‍र जिले के रहली ब्लॉक के एक छोटे से गांव धनगुंवा में रहती हैं. वह अब संघर्ष, आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की जीवंत मिसाल बन गई हैं. पहले माया के परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी. माया और उनके पति मजदूरी कर बमुश्किल से परिवार पालते थे. इन मुश्किल हालातों के बीच माया को सरकार की सहायता मिली और उनकी आय कई गुना बढ़ने के साथ ही आर्थि‍क स्थिति‍ में सुधार आया है. 

कॉस्‍मेटिक्‍स की दुकान से की शुरूआत

जब माया को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत चलने वाले समूह के बारे में पता चला तो यह उनके लिए उम्‍मीद की किरण बन गया और माया समूह से जुड़ने का फैसला किया. दरअसल, इस मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्र के गरीब परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सहायता दी जाती है, ताकि वे खुद का रोजगार शुरू कर अपने पैरों पर खड़े हो सकें. समूह से जुड़ने पर माया को बैंक से आसानी से लोन मिल गया, जिससे उन्‍होंने एक छोटी सी मनिहारी (कॉस्मेटिक्‍स) की दुकान शुरू की.

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आय बढ़ाने के लिए किराना सामान रखा

शुरू में यह दुकान बहुत साधारण थी, लेकिन समय के साथ मेहनत रंग लाने लगी और दुकान से 500-600 रुपये प्रतिदिन आमदनी होने लगी. यह देखकर माया के आत्मविश्वास में वृद्धि हुई और उन्होंने इस व्यवसाय को आगे बढ़ाने का फैसला किया. थोड़े समय बाद माया ने अपनी दुकान में सभी प्रकार का किराना सामान और फोटो कॉपी मशीन भी रख ली, जिससे आय और बढ़ने लगी. अब उनकी आमदनी लगभग डबल हो चुकी है. इसके साथ ही उनके पूरे परिवार का जीवन अब पहले बहुत बेहतर स्थित‍ि में चल रहा है. माया अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में भेज रही हैं, ताकि उनका भविष्य उज्जवल हो सके. 

अब मोबाईल रिपेयरिंग की दुकान भी चला रहीं

माया ने अपने सपनों को साकार करने के लिए जी-जान से जुटी हुई हैं. माया ने धीरे-धीरे अपने घर को पक्का कर लिया है. इसके साथ ही उन्‍होंने मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान भी शुरू की है. वहीं, जमापूंजी बढ़ने पर एक स्कूल मैजिक वाहन भी खरीदा है. अब माया अपने गांव के आत्मनिर्भर महिला के रूप में जानी-पहचानी जाती हैं. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने माया विश्वकर्मा जैसे लाखों परिवारों को आत्मनिर्भर बनने का मौका दिया है. माया गर्व से कहती हैं कि आजीविका मिशन की मदद से उनका परिवार अब सुरक्षित और खुशहाल है.

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