PMKSY-PDMC स्कीम झारखंड में बरती गई अनियमितता! एक सप्ताह के अंदर मांगी गई जांच रिपोर्ट

PMKSY-PDMC स्कीम झारखंड में बरती गई अनियमितता! एक सप्ताह के अंदर मांगी गई जांच रिपोर्ट

योजना के क्रियान्वयन के नाम पर किसानों के आधार कार्ड और सरकारी खजाने का दुरुपयोग किया जा रहा है. आधार कार्ड का उपयोग कर नए लाभुक किसानों की सूची तैयार की जा रही है.

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PMKSY-PDMC स्कीम झारखंड में बरती गई अनियमितता! एक सप्ताह के अंदर मांगी गई जांच रिपोर्टखेत में ड्रिप इरिगेशन इंस्टॉल करते किसान फोटोः किसान तक

झारखंड में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-प्रति बूंद अधिक फसल के क्रियान्वयन में अनियमितता की खबरें सामने आने के बाद इस मामले में जांच का आदेश जारी कर दिया गया है. जांच से संबंधित पत्र झारखंड सरकार के कृषि संचिव ने हजारीबाग के उपायुक्त को भेजा है. पत्र  में एक राष्ट्रीय अंग्रेजी अखबार में छपी खबर का जिक्र करते हुए कहा गया है प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत संचालित प्रति बूंद अधिक फसल के तहत किसानों के खेत में इंस्टॉल किए गए ड्रिप इरिगेशन सिस्टम को लगाने में भारी अनयिमितता बरती गई है. इसमें बताया गया है कि किस तरह से हजारीबाग जिले के प्रखंड चौपारण, ईचाक, चुरचू में योजना के नाम पर भोले-भाले किसानों को ठगा गया है. 

योजना के क्रियान्वयन के नाम पर किसानों के आधार कार्ड और सरकारी खजाने का दुरुपयोग किया जा रहा है. आधार कार्ड का उपयोग कर नए लाभुक किसानों की सूची तैयार की जा रही है. इसके अलावा उस क्षेत्र में जिस एजेंसी को क्षेत्र के किसानों के खेत में ड्रिप इरिगेशन इंस्टॉल करने का जिम्मा दिया गया है वह कंपनी किसानों  के घर में जाकर टपक सिंचाई की सामग्री को डंप कर रही है. पत्र में कहा गया है कि मीडिया में छपी यह रिपोर्ट बेहद गंभीर स्थिति को दर्शा रही है इसलिए इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. 

एक सप्ताह के अंदर मांगी गई रिपोर्ट

कृषि सचिव के कार्यालय से भेजे गए पत्र में एक संभावित जांच टीम गठन करने का जिक्र किया गया है. पत्र के अनुसार हजारीबाग अनुमंडल पदाधिकारी को जांच कमेटी का अध्यक्ष बनाया जा सकता है.  इसके अलावा कमेटी और तीन सदस्य होंगे. इसमें संयुक्त कृषि निदेशक, हजारीबाग सत्येंद्र कुमार, जिला उद्यान पदाधिकारी, हजारीबाग अरुण कुमार और सहायग निदेशक गन्ना विकास हजारीबाग मो शाहिद है. पत्र में कहा गया है कि इन सभी पदाधिकारियों को कमेटी मीडिया में छपी खबरों के अनुसार जांच करेगी और एक सप्ताह के अंदर जांच रिपोर्ट जमा करेगी. 

क्या कह रहे हैं कृषि निदेशक

गौरतलब है कि इस पूरी प्रक्रिया में अंतिम फिजिकल वेरिफिकेशन थर्ड पार्टी से कराया जाता है. वेरिफिकेशन का कार्य नाबार्ड की एजेंसी NABCONS से कराया जाता है. परंतु किसान तक से बातचीत में नाबार्ड झारखंड के जीएम ने इस मामले में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया और कहा कि इस बारे में कृषि निदेशक से सवाल किया जाए, जबकि कृषि निदेशक चंदन कुमार ने कहा कि इस बारे में संबधित एजेंसी से सवाल किया गया है, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. अगर जरूरत पड़ी तो प्राथमिकी भी दर्ज की जाएगी, क्योंकि थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन का कार्य NABCONSकरती है. झारखंड में सिंचाई योजना में इस तरह का मामला सामने आना चिंता का विषय है. 

 

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