मुख्यमंत्री कृषि ऋण माफी योजना के तहत झारखंड के किसानों को लाभ मिल रहा है. राज्य सरकार ने दावा किया है कि अब तक राज्य के 4.68 लाख किसानों का पचास हजार रुपये तक का कृषि ऋण माफ कर दिया गया है. हेमंत सरकार का दावा है कि उन्होंने इसके जरिए अपना चुनावी वादा पूरा करने का कार्य किया है. पर अभी भी राज्य के 40 हजार ऐसे किसान हैं जिनका कृषि ऋण माफ नहीं हुआ है. उनका लोन माफ करने में कुछ तकनीकी दिक्कतें आ रही है. इन किसानों को लेकर राज्य सरकार ने कहा है कि ऐसे किसानों का सत्यापन कर उनकी जानकारी साझा की जाए, ताकि राज्य सरकार की पहल से उन किसानों की भी ऋण माफी हो जाए और उन्हें राहत पहुंचाई जा सके.
जिन किसानों को कृषि ऋण माफी योजना का लाभ नहीं मिल पाया है उन किसानों के बारे में विभाग का कहना है कि इस किसानों का सत्यापन नहीं हो पा रहा है, इसलिए ये किसान लोना माफी के लाभ से वंचित हैं. ऐसे में इन किसानों को जल्द राहत देने के लिए राज्य सरकार ने इसकी जिम्मेदारी बैंकों को सौंप दी है.. अब बैंक ही लाभुक किसानों के घर तक जाएंगे और उनका सत्यापन करेंगे. पर घर जाकर भी समस्याएं आ रही है क्योंकि कई ऐसे किसान हैं जो अपने घर में नहीं वो रोजी-रोटी की तलाश में पलायन कर चुके हैं और साल में एक ही बार अपने घर आते हैं. इस कारण उनका सत्यापन नहीं हो पा रहा है.
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राज्य सरकार ने कहा कि लाभुक किसानों का सत्यापन करने के बाद जब बैंक सरकार को सूची सौंप देंगे. इसके बाद सरकार की तरफ से बैंकों को राशि दे दी जाएगी. इसे लेकर जल्द ही विभाग और बैंक के अधिकारियों के बीच एक बैठक होनी है. इसमें जानकारी साझा की जाएगी. विभाग के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि अलग झारखंड बनने के बाद से मार्च 2020 तक राज्य के 3.02 लाख लाभुक किसानों के खाते एनपीए होने के कगार पर हैं. इधर दो सालों में यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है. यह काफी चिंता वाली बात है और इस मामले का हल निकालने के लिए कोशिश सरकार के अधिकारी और बैंक मिलकर कर रहे हैं. ताकि इन खातों को एनपीए होने से बचाया जा सके.
बताया जा रहा है कि किसानों ने जो लोन लिया उसका उन्होंने सही इस्तेमाल नहीं किया और समय से किश्त का भुगतान नहीं किया इसलिए उनके खाते इस स्थिति में पहुंच गए हैं. अब इसे लेकर विभाग की तरफ से लाभुक किसानों के बीच जागरूका अभियान भी चलाया जा रहा है ताकि लोन लेने की पूरी जानकारी और चुकाने की पूरी जानकारी उन्हें अच्छे से मालूम हो. इतना ही नहीं राज्य सरकार की तरफ से एक और पहल की जा रही है जिसका लाभ किसानों को मिलेगा, जिसके तहत अगर कोई लाभुक किसान समय से किस्त का भुगतान करता है तो उनके ब्याज का भुगतान केंद्र और राज्य सरकार मिल करेंगे.
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