सूखे और बाढ़ दोनों ही स्थितियों से जूझ रहे ओडिशा के किसानों को राहत पहुंचाने के लिए ओडिशा सरकार लगातार प्रयास कर रही है साथ किसानों को सरकारी योजनाओं के तहत वित्तीय योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है. इसी प्रयास के तहत ओडिशा सरकार ने घोषाणा की है कि राज्य के पान और किआ फूल की खेती करने वाले किसानों को विशेष वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. राज्य सरकार की तरफ से यह फैसला तब आया तब मुख्यमंत्री नवीन पटनयाक तक राज्य के किसानों की समस्याएं पहुंची इसके बाद उन्होंने किसानों को विशेष सहायता देने का फैसला किया. राज्य सरकार के इस फैसले का लाभ राज्य के पान और फूल किसानों को होगा.
दरअसल मुख्यमंत्री के निर्देश पर सचिव वीके पांडियन ने कुछ दिन पहले ही पूरी और गंजम जिले का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने पान और केवड़ा फूल की खेती करने वाले किसानों की समस्याएं सुनी थी और मुख्यमंत्री को उन समस्याओं के बारे में अवगत कराया था. इसके बाद मुख्यमंत्री ने इन मुद्दों को सुलझाने के लिए समीक्षा बैठक की थी. बैठक में सभी संबंधित किसानों को एक विशेष योजना में शामिल कर आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया गया था. योजना के तहत राज्य के वो किसान सहायता पाने के हकदार होंगे एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि कृषि और किसान सशक्तिकरण विभाग इसके लिए विशेष नियम बनाएगा.
पान की खेती करने वाले किसानों को सहाय़ता पहुंचाने के तहत उन्हें खेत के प्रबंधन के लिए प्रति यूनिट 2500 रुपये दिए जाएंगे. एक किसान अधिकतम दो यूनिट के लिए वित्तीय सहायता पाने का हकदार होगा. पान की खेती के लिए किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से एक लाख रुपये तक के ब्याज मुक्त ऋण के संबंध में किसानों को व्यापक रुप से जागरूक किया जाएगा. ओडिशा की स्थानीय वेबसाइट के मुताबिक समीक्षा बैठक में पान व्यवसाय में जीएसटी के कार्यान्वयन के संबंध में जीएसटी आयुक्त से स्पष्टीकरण मांगने और इस संबंध में व्यापक जागरूकता पैदा करने का निर्णय लिया गया.
समीक्षा बैठक में यह फैसला किया गया कि मुख्यमंत्री कृषि उद्यम योजना के तहत पान प्रसंस्करण इकाइयों को अनुदान दिए जाने से संबंधित डीपीआर भी तैयार किया जाएगा. वहीं केवड़ा फूल किसानों को राष्ट्रीय बागवानी मिशन से जोडकर उनके लिए राज्य बजट से वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी और फूल की खेती को बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएंगे. किसानों को मिलने वाली यह सहायता उन क्षेत्रों के वैज्ञानिक मानचित्रण के माध्यम से की जाएगी ताकि यह लाभ असली लाभुकों को ही मिल सके. किआ फूल की खेती में अगर फसल को नुकसान होता है तो गंजम जिले के कलेक्टर की तैयार रिपोर्ट के आधार पर किसानों को वित्तीय सहायता दी जाएगी.
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