झारखंड में किसानों की आय को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने बिरसा हरित ग्राम योजना की शुरुआत की है. योजना से राज्य के किसानों को काफी लाभ भी हो रहा है. क्योंकि इस योजना के तहत राज्य सरकार की तरफ से किसानों को फलदार औऱ इमारती लकड़ियों के पौधे लगाने के लिए दिए जाएंगे. योजना के तहत प्रत्येक किसान परिवार को 100 से लेकर 300 पौधे दिए जाएंगे. इसके जरिए तीन साल बाद प्रति किसान परिवार पचास हजार रुपये प्रतिवर्ष की आय कमाने में सक्षम होंगे. बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत आम और अमरुद की बागवानी को अधिक महत्व दिया गया है.
योजना की सफलता के लिए इसके तहत राज्य के पांच लाख किसानों को फलदार वृक्ष लगाने और उसकी देखभाल करने के बारे में जानकारी दी जाएगी. इस तरह से वो बेहतर उत्पादन हासिल कर पाएंगे और अच्छी कमाई कर पाएंगे. राज्य सरकार ने इस योजना के जरिए पूरे राज्य में पांच करोड़ पौधे ललगाने का लक्ष्य रखा है. फलदार पौधों को लगाने के लिए प्रत्येक जिले में भूमि का आवंटन भी किया जाएगा. साथ में उत्पादन होने पर उसे प्रोसेसिंग करने के लिए जिले में प्रोसेसिंग यूनिट भी लगाई जाएगी, ताकि उत्पाद को अच्छा दाम मिल सके और बेहतर बाजार मिल सके.
योजना के तहत प्रत्येक जिले में 1400 एकड़ भूमि का पौधा लगाने के लिए आवंटित की जाएगी. योजना के तहत किसानों को आम्रपाली , शरीफा, मल्लिका प्रजाति के आम, अमरुद, कटहल, लेमन ग्रास और नींबू के पौधे दिए जाएंगे. योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को झारखंड राज्य का निवासी होना होगा और किसान होना होगा. आवेदक के पास कम से कम आधा एकड़ जमीन हना जरूरी है. बुजुर्ग और विधवा महिलाओं को योजना का लाभ देने में प्राथमिकता दी जाएगी. योजना के तहत आवेदन करने के लिए किसान को अपने पंचायत विकास कमिटी के पासजाना होगा जहां पर उसे फार्म भरना होगा.
बिरसा हरित ग्राम योजना ते तहत राज्य में दो लाख एकड़ जमीन में आम और अमरुद की खेती सुनिश्चित की जाएगी. इस योजना के जरिए जो फलों का उत्पादन होगा उसे राज्य के अलावा अन्य राज्यों में बेचा जाएगा. कुपोषण को दूर करने में यह योजना काफी कारगर साबित होगी क्योंकि स्थानीय स्तर पर फल उगेंगे और लोग उसे खाएगे, इससे उन्हें फायदा होगा. योजना के तहत राज्य के गरीब परिवारों को 150 एकड़ जमीन पर कीट पालन और लाह की खेती के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे. योजना को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार ने 45 ट्रेनिंग सेंटर, प्रखंड स्तर पर 800 और ग्रामीण स्तर पर 4840 बागवानी मित्रों को प्रशिक्षित किया है.
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