देश के कई हिस्सों में भूजल स्तर काफी तेजी से गिर रहा है. इससे किसानों को खेती करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं किसानों को खेत में पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए अधिक खर्च करना पड़ता है. भूजल स्तर गिरने के कारण अब किसानों को नलकूपों को अधिक गहराई तक खुदवाना पड़ता है. इसमें धान ऐसी फसल है जिसे पानी की अधिक जरूरत होती है. अन्य फसलों के मुकाबले किसानों को धान को अधिक पानी देना पड़ता है. एक वजह ये भी है जिससे भूजल स्तर में गिरावट देखी जा रही है. किसानों की इन्हीं समस्याओं का हल निकालने के लिए हरियाणा सरकार ने एक खास ऐलान किया है. सरकार ने कहा है कि धान के अलावा किसी अन्य फसल की खेती करने पर किसानों को सात हजार रुपये दिए जाएंगे.
आइए जानते हैं कि हरियाणा सरकार “मेरा पानी मेरी विरासत योजना” के जरिये किसानों की कैसे मदद कर रही है. ये भी जानेंगे कि किसान इस योजना से मिलने वाले आर्थिक मदद की कैसे ले सकते हैं लाभ.
हरियाणा सरकार जहां “मेरा पानी मेरी विरासत योजना” के माध्यम से राज्य में गिरते भूजल को बचाना चाहती है, वहीं दूसरी ओर किसानों को अन्य फसलों के उत्पादन के लिए भी प्रोत्साहित कर रही है. हरियाणा सरकार की तरफ से कहा गया है कि अगर किसान धान की पारंपरिक खेती के बजाय मक्का, अरहर, उड़द, कपास, बाजरा, मूंग जैसी फसलें उगाते हैं तो उन्हें 7,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. यह सहायता राशि प्रति एकड़ के हिसाब से दी जा रही है.
हरियाणा प्रदेश के सारे किसान अब ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ के लिए आवेदन कर सकते हैं। कृषि तथा किसान कल्याण विभाग के निर्देशानुसार किसान https://t.co/Y55VKZPWQi पर 31.07.2023 तक पंजीकरण कर सकते हैं। pic.twitter.com/qIDAfJHTW4
— Dept. of Agriculture & Farmers Welfare, Haryana (@Agriculturehry) May 30, 2023
'मेरा पानी मेरी विरासत' योजना का मुख्य उद्देश्य ये है कि राज्य की उन जगहों पर जहां पानी की कमी के चलते धान की खेती नहीं हो सकती है, वहां किसी और फसल को लगाया जाए और किसान को फायदा पहुंचाया जाए. राज्य के मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया है कि किसान धान की खेती न कर अन्य वैकल्पिक फसलों की खेती करें क्योकि धान की खेती में अधिक पानी लगता है. वहीं इस योजना के तहत वर्तमान सीजन में धान की जगह अन्य फसलों की खेती करने वाले किसानों को योजना के अंतर्गत 7,000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से सहायता राशि दी जाएगी. साथ ही इस योजना के तहत किसानों को फसल विविधीकरण अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
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राज्य के वो किसान जो पारंपरिक फसल यानी धान की खेती को छोड़ कर अन्य फसलों की खेती को अपनाना चाहते हैं, वे ‘मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत मिलने वाली सहायता राशि का लाभ ले सकते हैं. इसके लिए कृषि और किसान कल्याण विभाग के निर्देशानुसार किसान दिए गए वेबसाइट के लिंक पर जाकर 31 जुलाई 2023 तक रजिस्ट्रेशन कर इसका लाभ ले सकते हैं. किसान अधिक जानकारी के लिए विभाग द्वारा दिए गए टोल फ्री नंबर 01800180211 पर कॉल करके जानकारी ले सकते हैं.
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