देश में किसानों की इनकम को बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं. न सिर्फ सब्जियों बल्कि सरकार की ओर से कई ऐसे फलों की खेती के लिए भी मदद दी जा रही है जो भारत के नहीं बल्कि विदेश से आए हैं. इन्हीं में से एक है ड्रैगन फ्रूट और इस फल की खेती के लिए देश के कुछ राज्यों में किसानों को सब्सिडी दी जाती है. बिहार में राज्य सरकार की ओर से इस फल का उत्पादन बढ़ाने के लिए ड्रैगन फ्रूट विकास योजना की शुरुआत की गई है. इसमें किसानों को वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2026-27 तक सब्सिडी का लाभ मिलेगा.
बिहार सरकार के कृषि विभाग ने इस योजना के लिए 1 करोड़ 26 लाख 90 हजार रुपये आवंटित किए हैं. इस योजना से राज्य के 23 जिलों के किसान को फायदा मिलेगा. बाजार में ड्रैगन फ्रूट की बढ़ती मांग और इसकी पौष्टिकता को देखते हुए, सरकार ने इसे लाभदायक फसलों में शामिल किया है. सरकार का कहना है कि उत्पादन बढ़ाकर किसानों की आय भी बढ़ाई जा सकती है. योजना के तहत सब्सिडी की रकम दो चरणों में दी जाएगी.
इस योजना में राज्य के छोटे और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी. ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने के लिए, किसानों को 0.1 हेक्टेयर से 2.0 हेक्टेयर भूमि पर ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए सब्सिडी दी जाएगी. इस योजना के तहत, किसानों को न सिर्फ आर्थिक मदद मिलेगी, बल्कि उन्हें ड्रैगन फ्रूट कैसे लगाएं और किन बातों का ध्यान रखें, इसकी जानकारी भी दी जाएगी. सरकार के अनुसार, प्रति हेक्टेयर 5000 ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाए जा सकते हैं. इसकी लागत लगभग 6.75 लाख रुपये है. इसमें किसानों को लगभग 40 प्रतिशत यानी 2.70 लाख रुपये की सब्सिडी दी जा सकती है. सब्सिडी की राशि दो किस्तों में दी जाएगी. पहली किस्त 1.62 लाख रुपये की होगी. उसके बाद दूसरी किस्त 1.08 लाख रुपये की होगी.
इस योजना के तहत बजट सीमित है इसलिए किसानों का चयन लॉटरी सिस्टम से होता है. सरकार का मानना है कि इस तरह से पारदर्शिता बनी रहेगी. इसके अलावा, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सिर्फ जरूरतमंद और योग्य किसानों को ही योजना का फायदा मिले. सरकार ने लक्ष्य रखा है कि ज्यादा से ज्यादा किसान इस योजना का लाभ उठाकर ड्रैगन फ्रूट की खेती करें और उत्पादन बढ़ाएं. इससे न सिर्फ किसानों की इनकम बढ़ेगी, बल्कि बिहार ड्रैगन फ्रूट के उत्पादन में भी अव्वल रह सकेगा.
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